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Friday, 22 November, 2024
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लैंडर विक्रम के साथ संचार स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं : इसरो

विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. लगभग 23 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में घूमने के बाद, क्राफ्ट ने 14 अगस्त को चंद्रमा की यात्रा शुरू की थी.

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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि लैंडर विक्रम के साथ संचार स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा, ‘#विक्रमलैंडर चंद्रयान-2 की परिक्रमा में स्थित है, लेकिन इसके साथ अभी तक कोई संचार नहीं हो सका है.’

इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल तस्वीर प्राप्त की है.

उन्होंने कहा था, ‘हम संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही संवाद किया जाएगा कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.’ वैसे सिवन ने यह भी कहा था कि चंद्रयान-2 अभियान 95 फीसदी सफल रहा है.

वहीं इसरो से आ रही खबर के मुताबिक वहां के वैज्ञानिकों ने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की लगातार हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. अभी हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है. चांद की सतह से महज 2.1 किमी दूर रहने के दौरान ही लापता विक्रम को इसरो ने एक दिन पहले ही खोज निकाला था. विक्रम को सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, मगर उसे हार्ड लैंडिंग का शिकार होना पड़ा.

विक्रम लैंडर को 7 सितंबर को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी. इसकी निर्धारित सॉफ्ट-लैंडिंग से पहले, विक्रम लैंडर के साथ संचार टूट गया. चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी ऊपर इसने जमीनी स्टेशनों से संपर्क खो दिया था.

विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. लगभग 23 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में घूमने के बाद, क्राफ्ट ने 14 अगस्त को चंद्रमा की यात्रा शुरू की थी.

इस मिशन ने 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी.

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