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Monday, 25 November, 2024
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आरक्षण पर संघ बोला, जब तक लोगों को जरूरत है इसे जारी रखना चाहिए

संघ ने कहा कि एनआरसी का फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन इसमें अभी कुछ कमियां रह गई हैं, इसके चलते कुछ सवाल उठ रहे हैं. इसे जल्द ही दूर किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली : देशभर में आरक्षण को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने इसे जारी रखने की बात कही है. राजस्थान के पुष्कर में आयोजित तीन दिवसीय समन्वय बैठक के समापन बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दतात्रेय होसबले ने कहा, ‘संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का समर्थन करता है, जब तक समाज में भेदभाव है तब तक यह व्यवस्था चलनी चाहिए.’

उन्होंने कहा कि जब ऐसा लगेगा कि विषमता खत्म हो गई है तो इस पर विचार किया जाएगा. अगर लोगों को लगता है कि विषमता कल ही खत्म हो गई तो कल ही इस पर विचार किया जा सकता है, लेकिन अभी आरक्षण जारी रहेगा. वर्तमान समय में आरक्षण समाप्त नहीं किया जाएगा. आरक्षण की समीक्षा के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय लेना इससे जुड़े लोगों और नीति निर्धारिकों का काम है.

वहीं मॉब लिंचिंग से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करते हैं और सभी को कानून का पालन करना चाहिए.’

लोकसभा चुनाव के बाद पहली समन्वय बैठक में 36 संगठनों के 195 कार्यकर्ता मौजूद थे. प्रेस को संबोधित करते हुए संघ के सह सरकार्यवाह दतात्रेय होसबले ने कहा कि आने वाले समय में मध्यवर्ती क्षेत्र के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास और संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को लेकर काम किया जाएगा.

इस बैठक में एनआरसी पर चर्चा के जवाब में सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, ‘एनआरसी का फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन इसमें अभी कुछ कमियां रह गई हैं, इसके चलते कुछ सवाल उठ रहे हैं. इसे जल्द ही दूर किया जाना चाहिए.’

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर होसबले ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया. इससे समूचे देश में खुशी की लहर है. अब इस क्षेत्र में विकास की जरूरत है. संघ सहित सभी संगठन बीते कई साल से एक राष्ट्र, एक संविधान, एक निशान की मांग करते रहे हैं. कश्मीर और लद्दाख में संघ द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों ने वहां राष्ट्रभाव को मजबूत किया है. कश्मीर में कुछ राजनेताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं, सरकार ने तथ्यों, सबूतों के आधार पर राष्ट्रहित में ही फैसला लिया है. पूर्ववर्ती सरकारें तो कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक चली जाती थीं.

तीन दिवसीय इस समन्वय बैठक में शनिवार से सोमवार तक सीमाओं पर सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण, पर्यावण और जल संकट सहित कई राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के दूसरे दिन रविवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने हिस्सा लिया. नड्डा ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने को लेकर एक प्रेजेंटशन भी दिया.

नड्डा ने बैठक में बताया कि कश्मीर की स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठाने जा रही है. संघ और उसके अन्य संगठनों ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने को लेकर केंद्र सरकार की प्रशंसा भी की. वहीं राममाधव ने बैठक में शामिल प्रतिनिधियों को असम में एनआरसी मुद्दे के बारे में जानकारी दी.

 

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