श्रीनगर, 14 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शहीद दिवस से जुड़े घटनाक्रमों की कवरेज को लेकर सोमवार को स्थानीय मीडिया संस्थानों पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि इस कवरेज से यह स्पष्ट हो गया है कि कौन डरपोक है और किसमें साहस है।
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘जम्मू और श्रीनगर, दोनों के अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं के हमारे स्थानीय समाचार पत्रों को देखिए। आप आसानी से पहचान सकते हैं कि कौन डरपोक है और कौन साहसी।’
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय मीडिया ने इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि रविवार को निर्वाचित सरकार और अधिकतर जनप्रतिनिधियों को नजरबंद कर दिया गया था।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘डरपोकों ने इस सच्चाई को पूरी तरह दफना दिया कि कल पूरी निर्वाचित सरकार और अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधियों को नजरबंद कर दिया गया था। जिन अखबारों में थोड़ी हिम्मत थी, उन्होंने इसे पहले पन्ने पर छापा है। इस खबर को नजरअंदाज करने वाले बिके हुए लोगों को शर्म आनी चाहिए।’
शहीद दिवस के अवसर पर रविवार को भाजपा को छोड़कर, नेशनल कांफ्रेंस समेत लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने दावा किया था कि उपराज्यपाल प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर दिया है ताकि वे 1931 में महाराजा हरि सिंह की सेना की गोलियों से मारे गए 22 लोगों को श्रद्धांजलि न दे सकें।
भाषा राखी नरेश
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