(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में ‘संविधान बचाओ’ रैली आयोजित करने को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि यह संविधान के बजाय कांग्रेस के ‘शहजादे’ राहुल गांधी एवं पार्टी को बचाने के लिए एक और राजनीतिक पर्यटन है।
प्रधान ने तंज कसा कि आज राहुल गांधी की स्थिति ‘‘नाच न आवे आंगन टेढ़ा’ कहावत को चरितार्थ करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह संविधान बचाने के लिए नहीं है, बल्कि राहुल गांधी और कांग्रेस को बचाने के लिए है।’’
प्रधान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी द्वारा ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित संविधान बचाओ रैली दरअसल कांग्रेस के शहजादे का एक और राजनीतिक पर्यटन था। यह ‘संविधान बचाओ’ नहीं बल्कि ‘ राहुल गांधी और कांग्रेस बचाओ’ समावेश है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘ओडिशा में भाजपा की जनहितैषी सरकार के प्रति जनता का अडिग विश्वास कांग्रेस को परेशान कर रहा है। ओडिशा में कांग्रेस का कोई वजूद ही नहीं है। ओडिशा के गरीबों, दलितों, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों ने कांग्रेस को दशकों पहले नकार दिया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में राहुल गांधी का ओडिशा के गरीबों के हित की बात करना छलावे के अतिरिक्त कुछ नहीं है। कांग्रेस का इतिहास हमेशा से गरीबों और कमजोर वर्गों के अधिकारों की अनदेखी करने का रहा है। दिल्ली से कांग्रेस की सरकारों द्वारा भेजे गए पैसों को कभी बिचौलिए लूट लेते थे, तो कभी (पार्टी) अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के हक को अपने खास वोटबैंक को समर्पित कर देती थी। ’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में कांग्रेस की करारी हार हुई है, जिसके बाद राहुल गांधी एवं खरगे निर्वाचन आयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हैरानी यह भी है कि संविधान बचाने का उपदेश वह कांग्रेस पार्टी दे रही है, जिसने लोकतंत्र का गला घोंटते हुए, संविधान को रौंदते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया था। राहुल गांधी की हालत आज, ‘नाच न जाने, आंगन टेढ़ा’ जैसी है। बार-बार चुनावी हार के बाद एक बार फिर बिहार के आगामी चुनाव में हार को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ‘वोट चोरी’ का नया शिगूफा लेकर आई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मगर, ओडिशा सहित देश की जनता, कांग्रेस और राहुल गांधी के हर प्रपंच व फरेब को अब पहचान चुकी है और आगे भी ऐसे जनविरोधी और संविधान विरोधियों को हर चुनाव में जनता करारा जवाब देती रहेगी।’’
भाषा धीरज राजकुमार
राजकुमार
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