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Tuesday, 15 July, 2025
होमदेशमेफेड्रोन बरामदगी: सीबीआई-इंटरपोल-मुंबई पुलिस के अभियान में मुख्य आरोपी यूएई से प्रत्यर्पित

मेफेड्रोन बरामदगी: सीबीआई-इंटरपोल-मुंबई पुलिस के अभियान में मुख्य आरोपी यूएई से प्रत्यर्पित

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नयी दिल्ली/मुंबई, 11 जुलाई (भाषा) सिंथेटिक मादक पदार्थ के धंधे में कथित तौर पर लिप्त कुब्बावाला मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया और उसे बाद में मुम्बई में गिफ्तार कर लिया गया। मुस्तफा के खिलाफ इंटरनोल का एक रेड नोटिस जारी किया गया था। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल और मुंबई पुलिस की मदद से मुस्तफा को भारत लाने के अभियान में समन्वय किया।

एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के सांगली में एक कारखाने से 252 करोड़ रुपये मूल्य के मेफेड्रोन की जब्ती से संबंधित मामले में वांछित कुब्बावाला मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात से बृहस्पतिवार देर रात करीब एक बजे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लाया गया।

मुंबई अपराध शाखा द्वारा सांगली में एक कारखाने का भंडाफोड़ करते हुए, 126.141 किलोग्राम मेफेड्रोन बरामद करके उसे ज़ब्त कर लिया गया था। मादक पदार्थ मेफेड्रोन को ‘म्याऊ म्याऊ’ के ​​नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने बताया कि कुब्बावाला (44) इस मामले के मुख्य आरोपी सलीम डोला का रिश्तेदार है और मेफेड्रोन निर्माण के साथ-साथ आपूर्ति और वितरण श्रृंखला में भी शामिल था।

सिंथेटिक मादक पदार्थ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो कृत्रिम रूप से प्रयोगशाला में बनाए जाते हैं, न कि प्राकृतिक स्रोतों से सीधे प्राप्त किए जाते हैं। इन्हें वैज्ञानिक तरीके से रासायनिक यौगिकों को मिलाकर तैयार किया जाता है ताकि वे मस्तिष्क और शरीर पर उसी प्रकार का प्रभाव डालें जैसा प्राकृतिक मादक पदार्थ (जैसे अफीम, गांजा, कोकीन आदि) डालते हैं।

अधिकारी ने बताया कि कुब्बावाला अपने रिश्ते के भाई ताहिर सलीम डोला के साथ मिलकर विदेश से मेफेड्रोन निर्माण सिंडिकेट संचालित कर रहा था। उन्होंने बताया कि ताहिर डोला को 13 जून को यूएई से प्रत्यर्पित किये जाने के बाद मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

अधिकारी ने बताया कि कुब्बावाला पड़ोसी राज्य गुजरात के सूरत का निवासी है और उसने अपने रिश्तेदार सलीम डोला के साथ काम करने से पहले मुंबई से शिक्षा प्राप्त की थी।

अधिकारी ने बताया कि कुब्बावाला उच्च गुणवत्ता वाले मेफेड्रोन के निर्माण के लिए एक प्रमुख सामग्री और रसायन आपूर्तिकर्ता था और कथित तौर पर अहमदाबाद से इस उद्देश्य के लिए कच्चा माल प्राप्त करता था।

मुंबई पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह गुजरात में अपने सिंडिकेट के सदस्यों को भी प्रतिबंधित सामग्री की आपूर्ति करता था।

अधिकारी ने बताया कि मेफेड्रोन कारोबार से अर्जित धन हवाला के जरिए विदेश भेजा जाता था। उन्होंने बताया कि इससे पहले एक ‘अंगडिया’ (पारंपरिक कूरियर) को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने उसे हिरासत में लिया।

पुलिस उपायुक्त (डिटेक्शन) राज तिलक रौशन ने कहा, ‘‘हम पिछले एक साल से इन व्यक्तियों पर नजर रखे हुए थे। उनकी गिरफ्तारी इस धंधे में शामिल उन सभी के लिए एक सख्त संदेश है कि मुंबई पुलिस उन्हें भारत लाकर कानूनी कार्रवाई करेगी।’’

रौशन ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा इसमें शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं।

इससे पहले सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था कि सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने एनसीबी-अबू धाबी के सहयोग से, रेड नोटिस का सामना कर रहे मुस्तफा कुब्बावाला को भारत वापस ले आयी।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई द्वारा इंटरपोल के माध्यम से एनसीबी-अबू धाबी के साथ मिलकर की गई गहन जांच के बाद मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात में पाया गया था।’’

कुब्बावाला के खिलाफ मुंबई में एक आरोपपत्र दाखिल किया गया था और एक विशेष अदालत ने उसके ‘ओपन डेटेड’ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ‘ओपन-डेटेड’ अरेस्ट वारंट ऐसा वारंट होता है जिसमें गिरफ्तारी के लिए कोई विशेष तारीख़ निर्धारित नहीं होती। इसका मतलब यह है कि पुलिस या संबंधित एजेंसी को यह अधिकार होता है कि वे उस व्यक्ति को किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती हैं।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई ने मुंबई पुलिस के अनुरोध पर 25 नवंबर 2024 को इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस प्रकाशित कराया। एनसीबी-अबू धाबी ने 19 जून, 2025 को सूचित किया कि उनके अधिकारियों ने उस व्यक्ति को भारत वापस लाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में एक सुरक्षा मिशन भेजने का अनुरोध किया है। इसके बाद, संयुक्त अरब अमीरात से उस व्यक्ति को वापस लाने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम गठित की गई।’’

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले, मुस्तफा और अन्य के खिलाफ यहां कुर्ला पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह विदेश से सांगली में सिंथेटिक दवा निर्माण कारखाना चला रहा है।

भाषा अमित नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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