नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने देश भर के मेडिकल छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की सिफारिश की है।
आयोग ने एक परामर्श में कहा कि उसे मेडिकल छात्रों, उनके अभिभावकों और अन्य पक्षकारों की ओर से शैक्षणिक व नैदानिक प्रशिक्षण संबंधी मुद्दों पर शिकायतें मिल रही हैं।
परामर्श में कहा गया है कि ये शिकायतें अत्यधिक शुल्क वसूलने, वजीफे में देरी या भुगतान न करने, रैगिंग या उत्पीड़न, ‘इंटर्नशिप’ से संबंधित चुनौतियों, संकाय या कॉलेज कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों, अनुशासन संबंधी मामलों, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी चिंताओं, पाठ्यक्रम, उपस्थिति, शिक्षण विधियों, परीक्षाओं, मूल्यांकन आदि से संबंधित हैं।
एनएमसी ने कहा कि इनमें से अधिकांश शिकायतों का समाधान कॉलेज या विश्वविद्यालय स्तर पर ही किया जा सकता है यदि फिर भी कोई समस्या नहीं सुलझती तो संबंधित राज्य के निदेशालय या चिकित्सा शिक्षा विभाग के हस्तक्षेप से उनका निवारण किया जा सकता है।
परामर्श में कहा गया है, ‘यदि किसी शिकायत के लिए एनएमसी स्तर पर हस्तक्षेप की आवश्यकता है तो उसे आवश्यक समाधान के लिए एनएमसी के पास भेजा जा सकता है।’
एनएमसी ने तीन स्तरीय तंत्र स्थापित करने का आह्वान किया है, जिसके अनुसार सबसे पहले मेडिकल कॉलेज या संस्थान में शिकायत दर्ज की जानी चाहिए। फिर शिकायतकर्ता विश्वविद्यालय और अंत में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय या राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से संपर्क कर सकता है।
भाषा जोहेब शोभना
शोभना
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