लखनऊ, नौ जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्मे सबीह खान को आईफोन बनाने वाली वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनी एप्पल में मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त किया गया है।
इस नियुक्ति से खान भारत में जन्मे अधिकारियों के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गए हैं। वह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में मुख्य अधिशासी अधिकारी जैसे ऊंचे पदों पर पहुंचे सुंदर पिचई, इंदिरा नूयी और सत्य नडेला के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
इस खबर से मुरादाबाद की ऐतिहासिक मोहम्मद यार खान ‘कोठी’ भी चर्चा में आ गई है जहां 1966 में सबीह खान का जन्म हुआ था।
शहर के सिविल लाइंस इलाके में 65 हजार वर्ग फुट में फैली इसी ‘कोठी’ में अब एक ‘मिनी मॉल’, ‘शॉपिंग कॉम्प्लेक्स’ और एक स्कूल संचालित होते हैं तथा इसके एक हिस्से में अब सबीह के चचेरे भाई और अन्य रिश्तेदार रहते हैं।
मुरादाबाद के होटल व्यवसायी और सबीह के ममेरे भाई अमान यार खान (40) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया,‘‘हमें इस खबर से बेहद खुशी हो रही है कि हमारा अपना भाई अब एप्पल कम्पनी का सीओओ बनेगा। यह सिर्फ मुरादाबाद और उत्तर प्रदेश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। वह एक बेहतरीन इंसान भी हैं।’’
आईफ़ोन निर्माता कंपनी एप्पल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद से सीओओ के रूप में खान की पदोन्नति ने अब उन्हें भारत में जन्मे अधिकारियों की विशिष्ट सूची में शामिल कर दिया है लेकिन अमान ने कहा कि तमाम उपलब्धियों के बावजूद उनके फुफेरे भाई अपनी ‘जड़ों से जुड़े’ हैं।
अमान ने कहा,‘‘वह मुझसे काफी बड़े हैं और हर काम में बेदाग हैं। और तो और, अगर आप उनके साथ एक हफ्ता या 10 दिन भी बिताएं, बिना यह जाने कि वह कौन हैं, तो भी वह जरा भी अंदाजा नहीं होने देंगे कि वह एप्पल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष जैसे ऊंचे पद पर हैं। वह बहुत ही विनम्र और जमीन से जुड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरी बुआ के सबसे बड़े बेटे हैं और अपने इंजीनियर पिता सईद खान के सिंगापुर जाने से पहले शहर के सेंट मैरी स्कूल में पढ़ते थे।’’
अमान ने बताया कि उनके यह भाई इस महीने के अंत में अपनी नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
उन्होंने बताया कि एप्पल के नए सीओओ अब अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सैन फ़्रांसिस्को में रहते हैं। वह भारतीय करी और बिरयानी के शौकीन हैं।
मुरादाबाद के एक अन्य निवासी महफूज खान ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैं भी सबीह खान का दूर का रिश्तेदार हूं। उन्होंने अपनी उपलब्धियों से हम सभी को गौरवान्वित किया है। बेशक, अब मुरादाबाद के ज्यादातर लोग उनके बारे में जानते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अब तो भारत में भी हर कोई उनके बारे में बात कर रहा होगा।’’
भाषा मनीष सलीम वैभव राजकुमार
राजकुमार
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