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Wednesday, 16 July, 2025
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निर्वाचन आयोग के पास यह दिखाने का मौका है कि वो पार्टी या सरकार के प्रभाव में नहीं है : सुले

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पुणे, नौ जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर उठ रहे सवाल भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के लिए देश को इस बात के लिये आश्वस्त करने का एक अवसर है कि वह किसी भी राजनीतिक दल या सरकार से प्रभावित नहीं है।

सुले ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रिक देशों में से एक भारत में चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल उठना दुर्भाग्यपूर्ण है।

बिहार की मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने एकजुट होकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा और कहा है कि इस कवायद से करोड़ों लोग अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।

निर्वाचन आयोग के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में कई नयी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें कांग्रेस, राकांपा (एसपी), शिवसेना (उबाठा), समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भाकपा-मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) के नेताओं की एक संयुक्त याचिका भी शामिल है।

हालांकि, निर्वाचन आयोग ने कहा है कि 22 वर्षों के बाद हो रहे इस पुनरीक्षण से मतदाता सूची से अयोग्य लोगों को हटाया जाएगा तथा कानून के अनुसार मतदान के पात्र लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

सुले ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे जैसे जीवंत और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक देश में चुनाव प्रक्रिया को लेकर इतने सारे सवाल उठ रहे हैं। निर्वाचन आयोग के लिए यह एक बेहतरीन मौका है कि वह आगे आए, पूरी पारदर्शिता दिखाए और देश को आश्वस्त करे कि वह किसी भी राजनीतिक दल या सरकार से प्रभावित नहीं है।’’

भाषा विवाद और इस मुद्दे पर मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) समेत कुछ मराठी समर्थक समूहों द्वारा निकाली गई रैली पर सुले ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर विफल रही है।

रैली की अनुमति न दिए जाने और मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कल मुंबई में जो कुछ भी हुआ, वह ग़लत था। हम हिंदी के ख़िलाफ़ नहीं हैं, हम बस इतना कह रहे हैं कि किसी पर भी कुछ भी थोपा नहीं जाना चाहिए।’’

बारामती की सांसद ने कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत यशवंतराव चव्हाण ने कहा था कि महाराष्ट्र में रहने वाला हर व्यक्ति मराठी है।

पत्रकारों से बात करते हुए राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने मुंबई में विधायकों के हास्टल में एक कैंटीन कर्मचारी के साथ कथित तौर पर बासी भोजन परोसे जाने पर मारपीट की थी।

भाषा यासिर रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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