बेंगलुरु, नौ जुलाई (भाषा) कर्नाटक में केंद्र सरकार की कथित ‘श्रम विरोधी’ नीतियों के विरोध में बुधवार को मजदूर संघों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया, लेकिन इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं रहा।
बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों का सामान्य रूप से संचालन होता रहा जबकि यात्रियों के लिए ऑटो और कैब सुविधाएं भी उपलब्ध रहीं।
कर्नाटक सरकार द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश की घोषणा नहीं किए जाने से स्कूल और कॉलेज खुले रहे।
इस बीच, फ्रीडम पार्क में विभिन्न श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिन्होंने श्रम कानूनों में संशोधन वापस लेने, श्रमिक विरोधी नीतियों और कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाने के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की।
हुबली में मजदूर संघों की संयुक्त समिति के तहत विभिन्न संघों के सदस्यों ने सरकार की कथित मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के विरोध में रैली निकाली। उन्होंने इस नीति को बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बताया। इसी तरह, मैसूर में ‘ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और अन्य संगठनों द्वारा एक रैली का आयोजन किया गया। बीदर में भी महिलाओं समेत मज़दूर सड़कों पर उतर आए।
मजदूर संघों के संयुक्त मंच द्वारा 24 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया गया है, जिसमें 10 केंद्रीय मजदूर संघों (सीटीयू) के साथ ही स्वतंत्र अखिल भारतीय क्षेत्रीय महासंघ और एसोसिएशन शामिल हैं।
भाषा यासिर रंजन
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