भुवनेश्वर, नौ जुलाई (भाषा) ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में श्रमिक संगठनों और वाहन चालकों की हड़ताल के कारण बुधवार को परिवहन व्यवस्था प्रभावित रही।
देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों का एक संयुक्त मंच चार श्रम संहिता, ठेका प्रथा और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में बुधवार सुबह से राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर रहा है।
विपक्षी कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) ने श्रमिक संगठनों के विरोध को समर्थन दिया है।
इसी तरह बस, टैक्सी और ट्रक सहित विभिन्न परिवहन वाहनों के चालकों ने राज्य में चालकों के लिए कल्याणकारी उपायों की मांग को लेकर मंगलवार सुबह से ही काम बंद कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रकट किया और भुवनेश्वर, कटक, बरगढ़, भद्रक, बालासोर, बोलांगीर और संबलपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई सड़कों को जाम कर दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रमिक संगठनों और हजारों चालकों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य में परिवहन व्यवस्था प्रभावित है।
प्रमुख सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रदर्शनकारियों के धरना देने के कारण सड़कों पर वाहनों की कतार लग गई। प्रदर्शनकारियों को भुवनेश्वर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर विरोध-प्रदर्शन करते देखा गया।
राज्यभर में बस यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस ने बताया कि रायगढ़, ब्रह्मपुर, नवरंगपुर और गजपति जिलों सहित कुछ स्थानों पर केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालय, बैंक, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान भी आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
भुवनेश्वर में श्रमिक संगठन के सदस्य पेट्रोल पंप के सामने धरने पर बैठ गए जिससे पंप बंद रहे।
उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर, कटक और कुछ अन्य शहरों में हालांकि, सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में कामकाज सामान्य रूप से जारी रहा।
यहां रेलवे स्टेशन के पास विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे श्रमिक संगठन के नेता सुरा जेना ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार श्रम संहिताएं लागू करके देश के मजदूरों का शोषण कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार एक के बाद एक सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों, हवाई अड्डों और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों का निजीकरण कर रही है और अपने चरम पर पहुंच चुकी महंगाई व बेरोजगारी को काबू करने में नाकाम रही है।’’
भाषा खारी प्रशांत
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