वाशिंगटन : तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक सहित 12 लोगों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के साथ शांति वार्ता रद्द कर दी है. उन्होंने रविवार ट्वीट कर ये जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया है, ‘काबुल में एक हमला जिसमें हमारे महान सैनिकों और 11 अन्य लोग मारे गये. मैंने तुरंत बैठक रद्द कर दी और शांति वार्ता बंद कर दी. किस तरह के लोग हैं जो अपनी सौदेबाजी की स्थिति को मजबूत करने के लिए इतने सारे लोगों को मार देंगे?
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, तालिबान द्वारा गुरुवार को काबुल में किए गए आत्मघाती हमले में एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोगों के मारे जाने के बाद वार्ता रद्द की गई.
….an attack in Kabul that killed one of our great great soldiers, and 11 other people. I immediately cancelled the meeting and called off peace negotiations. What kind of people would kill so many in order to seemingly strengthen their bargaining position? They didn’t, they….
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 7, 2019
बिना किसी के जानकारी के तालिबान के अहम नेता मुझसे मिलने वाले थे और वहां के राष्ट्रपति भी मुझसे मिलने वाले थे. ये गुप्त मुलाकात रविवार को कैंप डेविड में होने वाली थी. वो आज रात अमेरिका आने वाले थे. दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि वो ग़लत तरीके से फ़ायदा उठाने आ रहे थे, इस बात को उन्होंने भी स्वीकार किया है.
Unbeknownst to almost everyone, the major Taliban leaders and, separately, the President of Afghanistan, were going to secretly meet with me at Camp David on Sunday. They were coming to the United States tonight. Unfortunately, in order to build false leverage, they admitted to..
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 7, 2019
ट्रंप ने अगले ट्वीट में लिखा है कि उन्होंने (तालिबान) ने हालात बदतर बना दिए है! यदि वे इन महत्वपूर्ण शांति वार्ता के दौरान संघर्ष विराम के लिए सहमत नहीं हो सकते हैं, और यहां तक कि 12 निर्दोष लोगों को मार देंगे, तो वे शायद वैसे भी किसी भी तरह से एक सार्थक समझौते पर बातचीत करने की शक्ति नहीं रखते हैं. और कितने दशकों तक वे लड़ने के लिए तैयार हैं?
बीबीसी की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि तालिबान द्वारा काबुल में एक हमले की जिम्मेदारी कबूल करने के बाद ट्रंप ने वार्ता रद्द कर दी और समझौता बंद कर दिया. हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी.
अमेरिकी वार्ताकार जलमय खलीलजाद ने सोमवार को तालिबान के साथ एक शांति समझौते की घोषणा की थी.
टाली गई थी अशरफ गनी की यात्रा
वहीं इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की अमेरिका की निर्धारित यात्रा टाल दी गई थी. स्थानीय अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि की गई. शुक्रवार को पहले यह बताया गया था कि गनी 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार को अमेरिका की यात्रा करेंगे और नौ सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे.
प्रस्तावित समझौते के अनुसार, अमेरिका अफगानिस्तान से 20 सप्ताहों के अंदर 5,400 अमेरिकी सैनिक वापस बुलाएगा. हालांकि खलीलजाद ने कहा कि ट्रंप के साथ अंतिम मंजूरी अभी बाकी है. अफगानिस्तान में अमेरिका के फिलहाल लगभग 14,000 सैनिक तैनात हैं.
तालिबान ने दोहा वार्ता की बात की
तालिबान ने जोर देकर कहा है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी दोहा में अब तक हुई नौ-चरणीय वार्ता के दौरान समझौते पर पहुंचने के लिए एक बुनियादी मुद्दा था. तालिबान ने वॉशिंगटन से समझौते की औपचारिकताएं होने तक अफगान सरकार से मिलने से इंकार कर दिया है.
अफगानिस्तान में अमेरिका लंबे समय से संघर्षरत
अफगानिस्तान में जारी युद्ध सबसे लंबा संघर्ष है, जिसमें अमेरिका भी सक्रिय है. यहां अमेरिकी सैनिक 18 सालों से हैं. अफगानिस्तान में 2001 में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 2,300 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों समेत अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन के लगभग 3,500 सदस्यों की मौत हो चुकी है.
अफगान नागरिकों, आतंकवादियों और सरकारी बलों के मृतकों के आंकड़ों का अंदाजा लगाना और मुश्किल है.
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी फरवरी 2019 की रिपोर्ट में कहा था कि 32,000 नागरिकों की मौत हो चुकी है.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)