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Monday, 7 July, 2025
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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी तैयार करने को सरकारी स्कूलों में एस्ट्रो लैब की जा रही स्थापित

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लखनऊ, सात जुलाई (भाषा) अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी तैयार करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ब्लॉक स्तर पर सरकारी स्कूलों में अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्थापित कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में पीपीपी मॉडल पर अंतरिक्ष प्रयोगशाला (एस्ट्रो लैब) बनकर तैयार भी हो गई हैं।

प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि इन प्रयोगशालाओं में बच्चे केवल किताबों से ही नहीं, बल्कि टेलीस्कोप और माइक्रोस्कोप के जरिए अंतरिक्ष के रहस्यों से रूबरू हो रहे हैं।

बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और तकनीक-समर्थ शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र अंतरिक्ष, प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण जैसे जटिल सिद्धांतों को प्रयोगशाला के जरिये समझ पा रहे हैं।

इसमें बताया गया है कि सरकार ने इस अंतरिक्ष प्रयोगशाला को ‘अमृत काल लर्निंग सेंटर’ का नाम दिया है। इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर तैयार किया जा रहा है। इनमें डॉबसोनियन टेलीस्कोप, पीआर हेडसेट, माइक्रोस्कोप और मानव शरीर रचना मॉडल जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिये बच्चों के ज्ञान को बढ़ाया जा रहा है।

बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बलिया के सभी 17 ब्लॉकों में विज्ञान एवं खगोलशास्त्र प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बलिया के सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि अंतरिक्ष प्रयोगशाला को स्थापित करने में 2.5 से 3 लाख रुपये का खर्च आ रहा है और इसमें उपकरण व शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है।

भाषा राजेंद्र नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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