चंडीगढ़, तीन जुलाई (भाषा) पंजाब सरकार में मंत्री पद से हटाए जाने के कुछ घंटों बाद अजनाला से विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, क्योंकि उनसे कहा गया है कि मंत्रिमंडल में किसी और को मौका दिया जाएगा।
धालीवाल के मुताबिक, उनसे कहा गया है कि उन्हें कोई अन्य काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के वफादार सिपाही हैं। धालीवाल दिसंबर 2015 में ‘आप’ में शामिल हुए थे।
पंजाब में ‘आप’ सरकार ने बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए लुधियाना पश्चिम से नवनिर्वाचित विधायक संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाया, जबकि धालीवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
अरोड़ा को उद्योग एवं वाणिज्य और निवेश प्रोत्साहन विभाग के अलावा प्रवासी भारतीय (एनआरआई) मामलों के विभाग का प्रभार सौंपा गया, जो पहले धालीवाल के पास था।
पत्रकारों ने जब धालीवाल से उनके इस्तीफे की वजहों के बारे में पूछा, तो वह पहले तो सीधा जवाब देने से बचने की कोशिश करते नजर आए और कहा, ‘हर किसी को (मंत्री बनने का) मौका मिलना चाहिए, जैसा कि आज संजीव जी को मिला। जब मेरी पार्टी ने मुझे साढ़े तीन साल (मंत्री के तौर पर) मौका दिया, तो मुझे और क्या चाहिए।’
इस्तीफे की वजह के बारे में दोबारा पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान इस सवाल का बेहतर जवाब दे सकता है।
धालीवाल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि संजीव जी एनआरआई मामलों के विभाग को मुझसे बेहतर तरीके से चलाएंगे। मुझे यह भी लगता है कि पार्टी को उन कार्यकर्ताओं को बारी-बारी से मंत्री बनाना चाहिए, जो प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि उन्हें विभागों की चाह नहीं है।
धालीवाल ने कहा, ‘मेरी लड़ाई पंजाब के लिए है। मैं पार्टी का वफादार सिपाही हूं।’
इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर धालीवाल ने कहा, ‘मैंने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दे दिया।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझसे कहा गया कि किसी और को मौका दिया जाना चाहिए। मैंने कहा-निश्चित रूप से, मौका दिया जाना चाहिए।’
धालीवाल ने कहा, ‘मैं 2015 में ‘आप’ में शामिल हुआ था। मैंने कभी छुट्टी नहीं ली और पार्टी के लिए 24 घंटे काम किया। मैं उन नेताओं में शामिल नहीं हूं, जो विभागों के पीछे भागते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी का वफादार सिपाही और कार्यकर्ता हूं। मैं (‘आप’ सुप्रीमो) अरविंद केजरीवाल का वफादार सिपाही हूं। मुझे साढ़े तीन साल के लिए मंत्रिमंडल में मौका देने के लिए मैं हमेशा मुख्यमंत्री भगवंत मान का ऋणी रहूंगा।’
मंत्री के रूप में अपने प्रदर्शन का जिक्र करते हुए धालीवाल ने कहा कि जब वह ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री थे, तब उन्होंने 2,700 करोड़ रुपये कीमत की 11,000 एकड़ पंचायत जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया था।
उन्होंने कहा कि एनआरआई मामलों के मंत्री के रूप में उन्होंने पिछले दो वर्षों में 4,000 अनिवासी मामलों का निपटारा किया और नौ ‘एनआरआई मिलनी’ (एनआरआई बैठक) भी आयोजित कीं।
धालीवाल ने कहा, ‘मैं लोगों के कल्याण के लिए लड़ता रहूंगा। मैंने पार्टी के लिए 10 साल काम किया है। अपनी आखिरी सांस तक मैं पंजाब के लोगों के लिए काम करता रहूंगा।’
उन्होंने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र अजनाला को पंजाब में सर्वश्रेष्ठ बनाएंगे।
धालीवाल को जुलाई 2022 में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री बनाया गया था।
इससे पहले, उनसे कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग का प्रभार वापस ले लिया गया था।
फरवरी में धालीवाल के पास केवल एनआरआई मामलों का विभाग रह गया था, क्योंकि सरकार ने कहा था कि प्रशासनिक सुधार विभाग का प्रभार, जो 21 महीने से उनके पास था, अब अस्तित्व में नहीं है।
धालीवाल ने 2024 में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह जीत करने में असफल रहे थे।
भाषा पारुल माधव
माधव
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