मुंबई, दो जुलाई (भाषा) एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट के एक समूह ने अहमदाबाद विमान हादसे के बाद सिम्युलेटर पर कुछ प्रतिकूल परिस्थितियां फिर से बनाकर उड़ान परीक्षण किया जिसमें बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरता रहा। बुधवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि यह परीक्षण एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान बेड़े के प्रशिक्षकों द्वारा अहमदाबाद में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ दिन के भीतर एयरलाइन के मुंबई परिसर में एक सिम्युलेटर प्रशिक्षण सत्र के दौरान स्वतंत्र रूप से किया गया था।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर एयर इंडिया ने कहा कि पायलट ने अपने स्तर पर सिम्युलेटर परीक्षण किए और इसमें एयरलाइन की कोई भूमिका नहीं थी।
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के चंद मिनटों के ही भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों समेत 260 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
विमान दुर्घटना के संभावित कारणों के बारे में शुरू में चर्चा में आए विभिन्न सिद्धांतों में से एक यह था कि पायलट ने विमान को पीछे की ओर मुड़े हुए फ्लैप और गियर नीचे करके उड़ाया था।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘पायलटों ने प्रशिक्षण सत्र में खुद ही एआई 171 उड़ान जैसी स्थितियां निर्मित कीं। उन्होंने कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे अधिक वजन एवं अधिक तापमान के साथ (लैंडिंग) गियर को नीचे रखते हुए और 50 फुट की ऊंचाई पर (विंग) फ्लैप को वापस खींचते हुए प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्माण करने का प्रयास किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद भी सिम्युलेटर परीक्षण के दौरान विमान उड़ान भरता रहा।’’
फ्लैप एक गतिशील पैनल होते हैं, जो विमान के डैनों के पीछे के किनारे पर स्थित होते हैं। ये उड़ान भरने और उतरते समय डैनों के सतह क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विस्तारित होते हैं। इससे अधिक ‘लिफ्ट’ मिलता है और विमान उड़ता रहता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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