मुंबई, दो जुलाई (भाषा) पेंट और कोटिंग कारोबार से जुड़ी नीदरलैंड की एक्जो नोबेल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ग्रेग पॉक्स गिलौम ने कहा है कि कंपनी जेएसडब्ल्यू पेंट्स के साथ दीर्घकालिक साझेदारी की तलाश कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी की भारत में ‘महत्वपूर्ण उपस्थिति’ बनी रहेगी, जहां वह एयरोस्पेस और जहाज समेत समुद्री कोटिंग के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है।
कंपनी ने एक्जो नोबेल इंडिया लि. (एएनआईएल) में अपनी हिस्सेदारी को सज्जन जिंदल की अगुवाई वाले एसडब्ल्यू समूह की इकाई जेएसडब्ल्यू पेंट्स को हस्तांतरित कर दिया है। कंपनी ने भारत में अपने पाउडर कोटिंग कारोबार और अनुसंधान एवं विकास केंद्र को बनाए रखा है।
गिलौम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक्जो नोबेल एनवी 4.5 प्रतिशत रॉयल्टी और लाइसेंसिंग समझौते के साथ जेएसडब्ल्यू पेंट्स की प्रौद्योगिकी भागीदार बनी रहेगी। इसलिए भारत में हमारी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनी हुई है। पाउडर और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों के साथ भारत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘…यह एक दीर्घकालिक साझेदारी है और हम कोटिंग कारोबार के लिए जेएसडब्ल्यू के प्रौद्योगिकी साझेदार होंगे और यह हमेशा के लिए है। इसके साथ हम उन अन्य क्षेत्रों में भी काम करने के अवसरों पर विचार करेंगे जिनमें हम भारत में मौजूद नहीं थे। इसका कारण हमारी कई इकाइयां हैं जो भारत में काम कर सकती हैं।’’
एक्जो नोबेल ने अपने पाउडर कोटिंग कारोबार और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (आरएंडडी) को अपने पास रखा है। इन दोनों इकाइयों को एएनआईएल ने इस फरवरी की शुरुआत में 2,143 करोड़ रुपये के सौदे में अपनी मूल कंपनी एक्जो नोबेल को हस्तांतरित कर दिया था।
इन कारोबार के साथ उनकी योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, गिलौम ने कहा कि अब पाउडर कोटिंग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है और इसमें बहुत सारे नए अनुप्रयोग हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों सबसे बड़े कारोबार में से एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) है और इसमें इसका उपयोग है…। इसलिए यह वास्तव में इसके लिए उपयुक्त है। चीन की बीवाईडी जैसी अधिकांश बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां ग्राहक हैं।’’
गिलौम ने कहा कि वास्तव में, पाउडर कोटिंग्स व्यवसाय में ‘बहुत संभावनाएं’ हैं, जिसमें एक्जो नोबेल दुनिया की एक प्रमुख कंपनी है।
इसके अलावा, बहुराष्ट्रीय कंपनी भारत में विकास के लिए एयरोस्पेस कोटिंग जैसे एक क्षेत्र की भी तलाश कर रही है। इस क्षेत्र में वह वैश्विक बाजार में अग्रणी है और भारत में उसकी मौजूदगी नहीं है।
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अजय
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