मुंबई, दो जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को सदस्यों ने मांग की कि सांगली जिले के बत्तीस शिराला कस्बे में नाग पंचमी पर जीवित सांपों की पूजा करने की प्रथा को फिर से शुरू किया जाए।
भाजपा विधायक सत्यजीत देशमुख ने नाग पूजा के मुद्दे को उठाने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया और कहा कि तमिलनाडु में बैल से जुड़े प्रचलित पारंपरिक और प्राचीन खेल जल्लीकट्टू को उच्चतम न्यायालय ने अनुमति दी है।
देशमुख ने कहा कि समारोह और धार्मिक उद्देश्यों के लिए हाथियों के इस्तेमाल की भी अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा कि बत्तीस शिराला में नाग पंचमी उत्सव ऐतिहासिक महत्व वाली एक धार्मिक परंपरा है। देशमुख ने कहा कि इस त्योहार को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में भी जगह मिली है।
बत्तीस शिराला श्रावण के महीने में मनाए जाने वाले नाग पंचमी पर्व पर जीवित सांपों की पूजा करने की अपनी पुरानी प्रथा के लिए जाना जाता है। बंबई उच्च न्यायालय ने 2002 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
देशमुख ने सांपों को नुकसान पहुंचाए जाने के दावों को झूठा बताया।
वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा कि जीवित सांपों की पूजा करने का त्योहार स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। हालांकि, वन्यजीव कार्यकर्ताओं द्वारा अदालत का रुख करने के बाद इसे रोक दिया गया था।
नाइक ने कहा कि इस संबंध में 7-8 जुलाई को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (भूपेंद्र यादव) के साथ बैठक होगी।
भाषा शफीक मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.