नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान रखना महिलाओं एवं बच्चों पर केंद्रित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने क्षमता निर्माण के प्रयासों को विकेंद्रीकृत करने की पहल के तहत शुक्रवार को रांची में एक नए क्षेत्रीय केंद्र के उद्घाटन की भी घोषणा की।
देवी ने एक बयान में कहा, ‘‘यह केंद्र न केवल अग्रिम पंक्ति के हमारे अधिकारियों को सहयोग एवं प्रशिक्षण तक बेहतर पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाएगा बल्कि हमारे प्रमुख अभियानों को भी जमीनी स्तर पर मजबूत करेगा।’’
यह केंद्र पूर्वी क्षेत्र के राज्यों – झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल – को सेवाएं प्रदान करेगा जहां सामूहिक रूप से मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत सात लाख से अधिक अधिकारी कार्यरत हैं।
पहले इन राज्यों में प्रशिक्षण की जरूरतें गुवाहाटी और लखनऊ स्थित केंद्रों द्वारा आंशिक रूप से पूरी की जाती थीं और इसके लिए अक्सर लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ती थी।
रांची केंद्र बच्चों के मार्गदर्शन एवं परामर्श के विषय में डिप्लोमा भी प्रदान करेगा और बाल विकास, किशोर मानसिक स्वास्थ्य एवं महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में काम करेगा।
सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय संस्थान वर्तमान में बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर एवं मोहाली में क्षेत्रीय केंद्र संचालित करता है और महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान, दस्तावेजीकरण और क्षमता निर्माण के शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है।
सोमवार देर रात जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 की धाराओं 12 और 12ए के तहत इसके नाम में बदलाव किया गया जो 19 जून से प्रभावी हो गया।
इस कदम को 19वीं सदी की समाज सुधारक, शिक्षिका और भारत में महिला अधिकारों की प्रमुख पैरोकार सावित्रीबाई फुले के लिए श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा रहा है।
भाषा सिम्मी वैभव
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