भोपाल, एक जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने भोपाल के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के परिसर की स्थापना के लिए मंगलवार को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी और अगले तीन वर्षों तक संस्थान को हर साल 1.05 करोड़ रुपये देने का फैसला किया।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भोपाल में आरआरयू के परिसर की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश की राजधानी में आरआरयू की स्थापना के लिए तीन साल के लिए प्रति वर्ष 1.05 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।’
आरआरयू के लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के भोपाल परिसर में उपलब्ध हिस्से से 10 एकड़ भूमि विभाग स्तर पर हस्तांतरित की जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि आरआरयू के संचालन के लिए आरजीपीवी में एक इमारत अस्थायी रूप से उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया, जब तक कि आरआरयू को अपना परिसर नहीं मिल जाता।
एक बयान में कहा गया भोपाल में आरआरयू परिसर की स्थापना के साथ, मध्यप्रदेश राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार, कौशल विकास, उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करेगा और राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के बीच सहयोग का प्रदर्शन करने में मदद करेगा।
मंत्रिमंडल ने गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना को भी मंजूरी दी।
अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा से एक गांव का चयन किया जाएगा, जिसकी वर्तमान आबादी कम से कम 2,000 है और मवेशियों की न्यूनतम संख्या 500 है।
उन्होंने कहा कि ऐसे गांवों को मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। ये गांव राज्य के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के ‘रोल मॉडल’ के रूप में भी काम करेंगे।
इस योजना के तहत गाय पालन और डेयरी विकास, पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के विकास और स्वरोजगार सहित ग्रामीण विकास के विषयगत दृष्टिकोण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक 1,766 पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 4,572 करोड़ रुपये मंजूर करने सहित कई अन्य निर्णय लिए।
मंजूरी के अनुसार, क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण किया जाएगा और सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। योजना के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिये मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की समिति को इस विषय में उपयुक्त निर्णय लेने की स्वीकृति दी गयी।
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