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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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कच्चे तेल फिर 67 बैरल प्रति डॉलर पर, कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद: पुरी

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नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमत फिर से 67 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है और इसके इस स्तर के आसपास ही रहने की उम्मीद है।

पुरी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस पर यह भी कहा कि भारत ने जैव ईंधन मिश्रण में वृद्धि की है और 40 देशों से कच्चा तेल मंगा रहा है जबकि पहले यह संख्या 27 थी।

उन्होंने कहा कि हाल ही में जब खाड़ी क्षेत्र में तनाव चरम पर था, तो कई लोगों ने कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को लेकर चिंता जताई थी।

मंत्री ने बताया, ‘‘उस समय मैंने कहा था कि कुछ नहीं होगा। तेल की कीमतें सही रहेंगी। चिंता मत करो। और तेल की कीमतें फिर से 67 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं। मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं? …इसका कारण दुनिया में पर्याप्त मात्रा में तेल का उपलब्ध होना है।’’

पुरी ने कहा कि इसके अलावा भारत कच्चे तेल की खरीद में विविधता ला रहा है। ‘‘हम पहले 27 देशों से तेल खरीदते थे, अब हम 40 देशों से खरीद रहे हैं।’’

जैव ईंधन मिश्रण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा जैव ईंधन मिश्रण करने वाले देश हैं। और आज, जब मैं इसे देखता हूं, तो किसी भी दिन आप इसे 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत और 30 प्रतिशत कर सकते हैं। आपको बस परामर्श करना है और जो उपलब्ध है उसे साथ लेकर चलना है।’’

पुरी ने यह भी कहा कि हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है।

मंत्री ने अपने संबोधन में पिछले 11 वर्षों के दौरान नरेन्द्र मोदी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अपनी प्रमुख प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 2014 से 16.5 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन दिए हैं। इसके जरिये महिलाओं को सशक्त बनाया गया है और घर के अंदर का वायु प्रदूषण भी कम हुआ है।

पुरी ने कहा कि तेल और गैस सार्वजनिक उपक्रमों का बढ़ता बाजार पूंजीकरण – 2014 से लगभग दोगुना होकर 8.79 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह इस क्षेत्र के मज़बूत प्रदर्शन और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में भारत दुनिया की 11वीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दोगुना से भी ज्यादा हो गया है। यह 2014 के 2,100 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 में 4,300 अरब डॉलर हो गया है।

मंत्री ने कहा, ‘‘हमने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ा है और 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं।’’

मंत्री ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से कृत्रिम मेधा और ‘एडवांस्ड एनालिटिक्स’ को अपनाने, रणनीतिक सलाहकार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नियमित कार्यों को स्वचालित करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘एआई की अपनाना अब वैकल्पिक नहीं है। आज की विकसित होती वित्तीय दुनिया में प्रतिस्पर्धी और अभिनव बने रहने के लिए यह आवश्यक है।’’

पुरी ने आईसीएआई समुदाय से पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह किया क्योंकि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र की ओर अग्रसर है।

भाषा अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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