मुंबई, 30 जून (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद और विवेकपूर्ण नीतियों के कारण वैश्विक वृद्धि का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही।
केंद्रीय बैंक ने अपनी द्विवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह भी कहा कि बढ़ी हुई आर्थिक और व्यापार नीति अनिश्चितताएं वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली की मजबूती की परीक्षा ले रही हैं।
आरबीआई ने कहा, ‘‘वित्तीय बाजार अस्थिर बने हुए हैं, विशेष रूप से मुख्य सरकारी बॉन्ड बाजार। ऐसा बदलती नीतियों और भू-राजनीतिक वातावरण के चलते है। इसके साथ ही, बढ़ते सार्वजनिक ऋण स्तर और उच्च परिसंपत्ति मूल्यांकन जैसी मौजूदा कमजोरियों में नए झटकों को बढ़ाने की क्षमता है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक वृद्धि का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। ऐसा मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद और विवेकपूर्ण वृहद आर्थिक नीतियों के चलते है।
आरबीआई ने कहा, ‘‘घरेलू वित्तीय प्रणाली बैंकों और गैर-बैंकों के स्वस्थ बही-खातों के चलते जुझारू क्षमता दिखा रही है। वित्तीय बाजारों में कम अस्थिरता और उदार मौद्रिक नीति द्वारा समर्थित वित्तीय स्थितियां सहज हुई हैं। कॉरपोरेट बही-खातों की मजबूती समग्र व्यापक आर्थिक स्थिरता को भी समर्थन देती है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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