बेंगलुरु, 26 जून (भाषा) कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने बृहस्पतिवार को अपनी मौजूदा भूमिका में बने रहने का भरोसा जताया, क्योंकि पार्टी राज्य और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति करने की तैयारी कर रही है।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि कर्नाटक भाजपा इकाई में नेतृत्व में बदलाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि पार्टी के भीतर आंतरिक असंतोष के संकेत मिल रहे हैं।
विजयेंद्र ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुये कहा कि उन्होंने राज्य प्रमुख के रूप में अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा किया है और उनके काम को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अच्छी तरह से जानते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे, विजयेंद्र ने कहा, ‘‘भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। सभी की राय मांगी गई है। मैंने पिछले डेढ़ साल में अपना काम सफलतापूर्वक किया है और मेरे नेता और साथी कार्यकर्ता इससे वाकिफ हैं।’’
हाल ही में दिल्ली की उनकी यात्रा के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के शिकारीपुरा से भाजपा विधायक ने स्पष्ट किया कि यह एक निजी यात्रा थी।
राष्ट्रीय राजधानी में, विपक्ष के नेता आर अशोक समेत अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी पर उन्होंने कहा कि अटकलों की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं दिल्ली गया था और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी गए थे। वे अभी तक वापस नहीं आए हैं। लेकिन यह अटकलें लगाना कि कोई बड़ा घटनाक्रम चल रहा है, निराधार है। मैं वहां किसी से नहीं मिला; मेरा निजी काम हो चुका है।’’
विपक्ष के नेता पद में बदलाव की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विजयेंद्र ने अशोक का बचाव करते हुए कहा कि वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें पार्टी विधायकों का विश्वास प्राप्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया द्वारा उनके हटाए जाने के बारे में अटकलें लगाना उचित नहीं है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’’
भाजपा के भीतर आंतरिक असंतोष पर विजयेंद्र ने कहा कि जो लोग बेहद असंतुष्ट थे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, उन्हें पहले ही निष्कासित किया जा चुका है।
वह विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल, एस टी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार के छह साल के निलंबन का जिक्र कर रहे थे।
उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मतभेद बने हुए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में ऐसे मुद्दे स्वाभाविक हैं और उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को चिंताओं को दूर करने का काम सौंपा गया है।
भाषा रंजन माधव
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