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बुधवार, 25 जून, 2025
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हताशा में किया गया हास्यास्पद दावा : अदालत ने फर्जी मतदाताओं का दावा करने वाली याचिका खारिज की

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मुंबई, 25 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान फर्जी मतदाताओं का आरोप लगाने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह ‘‘हताशा में किए गए हास्यास्पद दावे’’ के अलावा और कुछ नहीं है।

न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता चेतन अहिरे अपने आरोपों और दावों के समर्थन में कोई प्रामाणिक जानकारी देने में विफल रहे हैं। पीठ ने यह भी कहा कि अहिरे चुनाव में उम्मीदवार भी नहीं थे।

तथ्यों के अभाव का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें आश्चर्य है कि याचिकाकर्ता को राज्य विधानसभा के पूरे चुनाव पर सवाल उठाने के लिए इतनी व्यापक और कठोर राहत मांगने का अधिकार कैसे मिल सकता है।’’

पीठ ने कहा कि यह याचिका ‘‘पूरी तरह हताशा’’ में दायर की गई प्रतीत होती है और इसमें ‘‘राज्य विधानसभा चुनाव प्रक्रिया की शुचिता, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के संदर्भ में हास्यास्पद दावे’’ किए गए हैं।

याचिका में अनुरोध किया गया था कि ईवीएम प्रणाली की जगह मतपत्रों द्वारा मतदान की पारंपरिक पद्धति अपनाई जाए।

उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि ईवीएम के इस्तेमाल को कानूनी और वैध माना गया है।

पीठ ने कहा कि झूठे और फर्जी मतदान के दावों का समर्थन करने के लिए बिना किसी ठोस सामग्री के याचिका दायर की गई है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मतदान के अंतिम समय यानी शाम छह बजे मतदान के संबंध में किसी भी तरह की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की शिकायत की गई थी।’’

अपनी याचिका में, अहिरे ने नवंबर 2024 में निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित पूरे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को चुनौती देते हुए इसे अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया था।

अहिरे ने दावा किया कि शाम छह बजे के बाद डाले गए कुल वोटों (76 लाख) में से लगभग 6.8 प्रतिशत अवैध थे, ‘‘क्योंकि निर्वाचन आयोग के पास इन मतदाताओं के बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।’’

अहिरे ने कहा कि चूंकि वह एक मतदाता हैं, इसलिए वह आम जनता के साथ की गई ‘‘धोखाधड़ी’’ से व्यथित हैं।

भाषा शफीक रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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