नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चालू कैलेंडर साल की पहली छमाही में भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 37 प्रतिशत घटकर 3.06 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश इस साल जनवरी-जून की अवधि में घटकर 3.06 अरब अमेरिका डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 4.89 अरब डॉलर रहा था।
भारतीय रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 68 प्रतिशत है, जबकि घरेलू कंपनियों ने 2025 की पहली छमाही में 32 प्रतिशत निवेश किया है।
जेएलएल ने कहा, ‘‘ चुनौतीपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों और राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण निवेश लेनदेन की समयसीमा में वृद्धि हो रही है।’’
संस्थागत निवेशक रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी), पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और सूचीबद्ध इकाइयों में निवेश सहित सार्वजनिक बाजार माध्यमों के जरिये इसमें भाग लेते हैं।
जेएलएल की वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं भारत में पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, ‘‘ भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है, जो घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों के भरोसे से उत्साहित है। बावजूद इसके कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने 2025 की पहली छमाही में अल्पकालिक चुनौतियां पेश की हैं।’’
उन्होंने कहा कि एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के सौदों की मजबूत निर्माणाधीन परियोजनाएं भविष्य में सतत गतिविधियों का संकेत देती है।
पिल्लई ने कहा, ‘‘ रियल एस्टेट बाजार ने पिछले पांच वर्ष में सालाना पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश हासिल कर अपनी स्थिरता का लगातार प्रदर्शन किया है। हम अनुमान लगाते हैं कि कैलेंडर वर्ष 2025 के लिए पूंजी प्रवाह इन स्थापित मानदंडों के अनुरूप होगा।’’
आंकड़ों के अनुसार, कुल संस्थागत निवेश में आवास क्षेत्र की हिस्सेदारी सर्वाधिक 38 प्रतिशत रही।
भाषा निहारिका अजय
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