नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना पॉलोज की दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।
न्यायाधीाश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने पाया कि उसकी जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है और कहा, ‘‘यह देखते हुए कि जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में आंशिक सुनवाई हो चुकी है और अब दो जुलाई, 2025 को मामले की सुनवाई होगी। हम इस विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। विशेष अनुमति याचिका, तदनुसार, खारिज की जाती है।’
शीर्ष अदालत ने बुधवार को कहा, ‘‘उम्मीद है कि उच्च न्यायालय जल्द से जल्द और कानून के अनुसार अपने समक्ष लंबित जमानत याचिका का निपटारा करेगा।’’
पॉलोज ने उच्च न्यायालय के 19 मई के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें कहा गया है कि उसकी याचिका पर अब जुलाई में सुनवाई होगी।
दिल्ली पुलिस ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों से 200 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
देश में उनके खिलाफ कई अलग-अलग जांच चल रही हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में कार्यवाही का सामना कर रहे चंद्रशेखर और पॉलोज को जबरन वसूली के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगाया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि पॉलोज़, चंद्रशेखर और अन्य आरोपियों ने हवाला के ज़रिए पैसे जुटाए और अपराध से प्राप्त धन को ठिकाने लगाने के लिए फर्जी कंपनियां बनाईं।
भाषा रंजन माधव
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