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Friday, 22 November, 2024
होमदेशराजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद बने केरल के नए गवर्नर

राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद बने केरल के नए गवर्नर

राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने तीन तलाक़ के मुद्दे पर मोदी सरकार का खुलकर समर्थन किया था.

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को पांच नए राज्यपालों को नियुक्त किया है. तीन तलाक़ पर समर्थन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान को केरल का नया राज्यपाल बनाया गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी हुई विज्ञप्ति के अनुसार डॉ टी सुंदरराजन तेलंगाना की नए राज्यपाल नियुक्त की गई हैं, तो हिमाचल के राज्यपाल कलराज मिश्र को स्थानांतरित कर राजस्थान का नया राज्यपाल बनाया गया है. साथ ही भगतसिंह कोश्यारी महाराष्ट्र और बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल होंगे.

गौरतलब है कि कभी राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रह चुके आरिफ मोहम्मद खान ने तीन तलाक़ जैसे विवादित फैसलों पर मोदी सरकार का खुलकर समर्थन किया है. आरिफ खान से पहले पूर्व चीफ जस्टिस पी सदाशिवम केरल में गवर्नर थे, जिनका हाल ही में कार्यकाल खत्म हुआ है.

आरिफ मोहम्मद खान

यूपी के बुलंदशहर में पैदा होने वाले आरिफ मोहम्मद खान ने दिल्ली के जामिया स्कूल से पढ़ाई की और आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. आरिफ मोहम्मद छात्र जीवन में ही राजनीति से जुड़ गए थे. वो शुरुआत से ही मुस्लिम समुदाय की प्रगतिशीलता की पैरवी करते रहे हैं. जिसके चलते वो अक्सर मुस्लिम समुदाय के एक बड़े वर्ग के निशाने पर भी बने रहते हैं.

1977 में 26 साल की उम्र में वो पहली बार विधायक बने और उसके बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. लेकिन नब्बे के दशक में प्रसिद्ध शाहबानो केस के चलते राजीव गांधी के स्टैंड के खिलाफ आवाज उठाई और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी भी छोड़ दी. बाद में वो जनता दल और बहुजन समाज पार्टी से भी जुड़े. इसी क्रम में साल 2004 में वो भाजपा में शामिल हो गए. लेकिन भाजपा पार्टी में उचित तवज्जो नहीं मिलने पर 2007 में भाजपा से भी किनारा कर लिया.

2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार के कार्यकाल में विवादित तीन तलाक बिल पेश किया गया. इस बिल को बनाने की पूरी प्रक्रिया में मोहम्मद आरिफ खान अहम भूमिका निभाई है.

कलराज मिश्र

78 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता कलराज मिश्र शुरू से ही आरएसएस की विचारधारा से जुड़े हुए हैं. उत्तर प्रदेश से आने वाले कलराज मिश्र 2014 से 2019 तक केंद्र में मंत्री भी रहे हैं. उससे पहले वो लंबे समय तक उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें हरियाणा प्रभारी भी बनाया गया था.

तमिलिसाई सुंदरराजन

तमिलनाडु भाजपा पार्टी की अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन को तेलंगाना का नया राज्यपाल बनाया गया है. उनसे पहले ईएसएल नरसिम्हन तेलंगाना के गवर्नर थे.

बंडारू दत्तात्रेय

हैदराबाद में पैदा हुए बंडारू 1965 में कभी संघ के प्रचारक के तौर पर काम करते थे. आगे चलकर इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए. साल 1980 में भाजपा से जुड़े. 2014 में सिंकदराबाद लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य बने. मोदी सरकार में उन्हें श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बनाया गया. 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंकदराबाद सीट से बंडारू को टिकट नहीं दिया गया था. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि हाईकमान उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.

भगतसिंह कोश्यारी

उत्तराखंड भाजपा के बड़े नेताओं में से एक भगतसिंह कोश्यारी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री थे, शुरू से ही आरएसएस की विचारधारा से जुड़े भगतसिंह कोश्यारी एमरजेंसी के वक्त जेल जा चुके हैं. 2008 से 2014 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. उन्हें महाराष्ट्र के गवर्नर सी विद्यासागर राव की जगह नियुक्त किया गया है.

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