जयपुर, पांच जून (भाषा) राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सिन्धी भाषा,साहित्य व संस्कृति की पहचान बनाए रखने और इस भाषा के प्रति नई पीढ़ी में रुझान पैदा करने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता पर जो दिया। देवनानी बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद (एनसीएसएल) की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विविधताओं से भरी भारतीय संस्कृति के ध्वज को पूरे विश्व में शान के साथ फहरा रहें है और भारतीय योग को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने में उनके अभूतपूर्व योगदान से दुनिया के हर देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है।
देवनानी ने कहा कि सिन्धी भाषा,साहित्य और संस्कृति के विकास को बढ़ावा देने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य, जिला तथा स्थानीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराने के गंभीर प्रयास किए जाये।
बैठक की अध्यक्षता परिषद के उपाध्यक्ष डॉ.मोहन मंघनानी ने की।
बैठक में किए गए निर्णयों में अंतरराष्ट्रीय, पांच राष्ट्रीय और पांच राज्यस्तरीय कार्यक्रमों के साथ-साथ 100 स्थानीय कार्यक्रमों का आयोजन करना शामिल है।
बयान के मुताबिक, साथ ही कौशल विकास, सिविल परीक्षाओं और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए कोचिंग प्रशिक्षण शिविरों के साथ ही स्कूल, विद्यालयों के विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन आदि अहम निर्णय किये गये।
बैठक में देश के विभिन्न भागों में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया।
बयान में बताया गया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत संचालित परिषद (एनसीएसएल) के उपाध्यक्ष डॉ. मंघनानी और एनसीएसएल के सदस्यों ने अजमेर शहर के ‘फॉय’ सागर का नाम बदलकर वरुण सागर किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय कराने व समाज को एक नायाब उपहार देने के लिए देवनानी का आभार जताया।
भाषा पृथ्वी रवि कांत जितेंद्र
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