बेंगलुरू : राज ठाकरे, पी चिदंबरम के बाद ईडी का शिकंजा अब कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार पर कसना शुरू हुआ है. जांच एजेंसी ने उन्हें कथित मनी लांड्रिंग मामले में उन्हें ताजा समन भेजा है. शिवकुमार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कथित धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के बाद वह देश से नहीं भागेंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
DK Shivakumar, Congress on being summoned by ED: There’s no illegal activities that I've done. BJP leaders have said it on record, they're going to harass me. Let them enjoy giving me trouble. But I'll participate&cooperate. I am busy till this afternoon, then I will go to Delhi. https://t.co/4Ad4atOpzA pic.twitter.com/mi8h2pJTHc
— ANI (@ANI) August 30, 2019
शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने कोर्ट से गुजारिश की है कि यह साधारण आयकर का मामला है. मैंने पहले ही आईटीआर भर दिया है. इस पर मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) एक्ट की कोई रोकथाम नहीं है. कल रात, उन्होंने मुझे 1 बजे तक दिल्ली आने के लिए बुलाया. मैं कानून का सम्मान करूंगा.’ ईडी की हाल की कार्रवाई ‘बदनीयती’ के कारण हुई है. यह कहते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘कल देर रात 9.40 बजे ईडी से समन मिला है जिसमें आज दिल्ली में दोपहर 1 बजे उपस्थित होने के लिए कहा गया है. हालांकि ईडी की अचानक बुलाया जाना बदनीयती को दिखाता है, मुझे कानून पर भरोसा है. और निश्चित रूप से मैं इसमें हिस्सा लूंगा और पूरी तरह से उनके साथ सहयोग करूंगा और देश के कानून का पालन करूंगा’.
यह कहते हुए कि उनका ‘संपूर्ण रक्त विभिन्न जांच एजेंसियों ने चूस लिया है’, उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्षों से, मेरी 84 वर्षीय मां की सारी संपत्ति को विभिन्न जांच अधिकारियों ने बेनामी संपत्ति के रूप में संलग्न किया है और मैं वहां बेनामी हूं. हमारा पूरा खून पहले ही चूसा जा चुका है.’
खुद का बचाव करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके द्वारा कोई गैरकानूनी कार्य नहीं किया गया है, ‘भाजपा नेता इसे रिकॉर्ड पर कह चुके है, वे मुझे परेशान करने वाले हैं. उन्हें मुझे परेशान करके खुश होने दें. लेकिन मैं जांच में हिस्सा लूंगा और सहयोग करूंगा. आज दोपहर तक मैं व्यस्त हूं, फिर मैं दिल्ली जाऊंगा.’
बता दें कि ईडी ने शिवकुमार को एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए आज पेश होने के लिए नए समन जारी किया है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा जांच एजेंसी के पिछले समन पर रोक लगाने के लिए उनकी याचिका को खारिज करने के घंटों बाद कांग्रेस नेता को समन जारी किया गया था.
कांग्रेस नेता को कर्नाटक हाईकोर्ट की में उनकी याचिका खारिज होने के बाद समन भेजा गया जो जांच एजेंसियों के पहले समन पर रोक चाह रहे थे, जिसे मामले में दिसंबर 2018 में जारी किया गया था.