राहुल गांधी को बोलने से पहले सोचने की जरूरत है. कश्मीर की सामान्य स्थिति पर सवाल करती उनकी हालिया टिप्पणी ने पाकिस्तान को यूएन में चर्चा करने का विषय पकड़ा दिया है. गांधी हो सकता है खुद को गंभीरता से न लेते हों लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर चलता-फिरता और बिना सोचे-समझे बोलना पहले से ही बर्बाद कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से घातक हो सकता है.
एफडीआई को आसान बनाना अच्छा संकेत, मोदी को जल्द अनुमति देने और मूलभूत ढांचे में सुधार करना चाहिए
मोदी सरकार द्वारा चार क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियम सरल बनाने से बाज़ार में अच्छा संकेत पहुंचेगा, पर इसके बाद सरकार को जल्दी अनुमति और मूलभूत ढांचे में सुधार करने होंगे, ताकि निवेश हो सके. भारत सरकार को संकट के दरवाज़ें पर दस्तक देने के पहले उससे निपटने का हुनर सीखना होगा.