भुवनेश्वर, सात मई (भाषा) पुरी राजघराने के महाराज दिव्यसिंह देब ने बुधवार को ‘इस्कॉन’ से आग्रह किया कि वह दीघा मंदिर ट्रस्ट बोर्ड को पश्चिम बंगाल के तटीय शहर में नव प्रतिष्ठित मंदिर से ‘जगन्नाथ धाम’ नाम हटाने के लिए राजी करे।
इस्कॉन शासकीय निकाय आयोग, मायापुर के अध्यक्ष श्री गोवर्धन दास प्रभु को लिखे एक पत्र में गजपति महाराज ने कहा कि गोवर्धन पीठ (पुरी) के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज और ज्योतिष पीठ (जोशीमठ) के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि केवल ‘पुरुषोत्तम-क्षेत्र’ पुरी ही ‘जगन्नाथ धाम’ है और किसी अन्य मंदिर या स्थान को इस नाम से नहीं बुलाया जाना चाहिए।
पुरी में भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवक देब ने कहा कि दीघा के जगन्नाथ मंदिर में अनुष्ठान करने में इस्कॉन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा, “दीघा जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्ट बोर्ड में इस्कॉन के प्रतिनिधियों की भागीदारी को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने अधिकार का उपयोग करते हुए दीघा मंदिर ट्रस्ट बोर्ड को दीघा स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के संदर्भ में ‘धाम’ शब्द का प्रयोग करने से रोकने के लिए राजी करें।”
भाषा जोहेब माधव
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