नई दिल्ली. मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को एमओयू साइन हुआ. यह एमओयू मध्यप्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बीच हुआ है. दोनों शहर में वर्ष 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में मेट्रो रेल का पहल चरण लोगों के लिए शुरु हो जाएगा.
सोमवार को नई दिल्ली में शहरी विकास नवीनीकरण मंत्रालय में करारनामें पर हस्ताक्षर हुए. इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से सचिव आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव एसआर मोहंती और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध संचालक संजय दुबे ने हस्ताक्षर किए. यह प्रोजेक्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पहले ही अनुमोदित किया जा चुका है.
केंद्रीय मंत्री @HardeepSPuri और मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री, जयवर्धन सिंह की उपस्थिति में @MoHUA_India और मध्य प्रदेश सरकार के बीच इंदौर और भोपाल मेट्रो के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर pic.twitter.com/4I2RjFg6SF
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 19, 2019
इस दौरान केन्द्रीय शहरी एवं आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मध्यप्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह भी उपस्थित थे. मध्यप्रदेश मैट्रो रेल कारपोरेशन के अतिरिक्त प्रबंध संचालक स्वतंत्र सिंह और तकनीकी निदेशक जितेन्द्र कुमार दुबे भी मौजूद थे.
मध्यप्रदेश नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि भोपाल मैट्रो रेल प्रोजेक्ट 27.87 किलोमीटर में कोरिडोर में बनेगा. एक कोरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा. इसकी कुल लागत लगभग 07 हजार करोड़ रुपये की होगी.
इसी प्रकार इंदौर मैट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रेल लाइन बनेगी. यह बंगाली चौराहा से विजय नगर, एयरपोर्ट होते हुए पलसिया तक जाएगी. इसकी कुल लागत साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की होगी.
Happy to be present during the Signing of MoU for Indore & Bhopal Metro between @MoHUA_India & M.P. Govt.
Was joined by Sh @JVSinghINC, state minister for UD & Housing. pic.twitter.com/S3ufTi5iPA
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 19, 2019
मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक दिन है. इन दोनों मैट्रो रेल प्रोजेक्ट पर पिछले 9-10 वर्षों से केवल चर्चा हो रही थी, पर किसी मुकाम पर नहीं पहुंच रहे थे. यह मुख्यमंत्री कमलनाथ का दृष्टिकोण और उनकी सोच का नतीजा है कि इन दोनों परियोजनाओं पर आज करार हुआ. सिंह ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं में केन्द्र का अंश 20 प्रतिशत, राज्य का 20 प्रतिशत और शेष 60 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण लिया जायेगा जिसकी गारंटी मध्यप्रदेश सरकार देगी.
भोपाल इंदौर मैट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा किया जायेगा. यह कम्पनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50ः50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तित होगी. भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मैट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक तथा न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जायेगा.