इंदौर (मध्यप्रदेश), 26 मार्च (भाषा) इंदौर में नेग मांगकर गुजारा करने वाले तृतीय लिंग के लोगों ने बुधवार को ट्रांसजेंडर समुदाय के एक आश्रय स्थल में जबरन घुसकर इसमें रहने वालों से कथित तौर पर मारपीट व बदसलूकी की और उन्हें यह संस्थान बंद करने के लिए धमकाया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह घटना एक गैर सरकारी संगठन के संचालित आश्रय स्थल में लगे सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘‘मेरा कुनबा’’ आश्रय स्थल के प्रबंधन की ओर से लसूड़िया थाने में दर्ज कराई शिकायत में कहा गया कि महिला वेश-भूषा में नेग मांगकर गुजारा करने वाले तृतीय लिंग के करीब 15 लोग परिसर में जबरन घुसे।
उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि आरोपियों ने आश्रय स्थल में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ कथित तौर पर मारपीट व बदसलूकी की।
अधिकारी के मुताबिक शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपियों ने आश्रय स्थल के संचालकों को धमकी दी कि ‘अगर दो दिन के भीतर यह आश्रय स्थल बंद नहीं किया, तो वे इस पर बुलडोजर चलवा देंगे।’
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आदित्य पटले ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, ‘आश्रय स्थल की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत की जांच की जा रही है। हम घटना का सीसीटीवी फुटेज देख रहे हैं। जांच के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।’’
‘‘मेरा कुनबा’’ आश्रय स्थल के निदेशक और जिला ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के सदस्य निकुंज जैन ने बताया कि उनके आश्रय स्थल में कुछ ‘ट्रांसवुमन’ रहती हैं जिन्हें नेग मांगकर गुजारा करने वाले तृतीय लिंग के लोग ‘‘नकली ट्रांसजेंडर’’ बताकर आए दिन सरेआम परेशान और जलील करते हैं।
‘ट्रांसवुमन’ यानी ऐसे लोग जिन्हें जन्म के वक्त पुरुष माना गया था, लेकिन उनकी लैंगिक पहचान महिला की होती है और वे खुद को महिला के तौर पर सहज महसूस करते हैं।
जैन ने कहा, ‘’हमारे आश्रय स्थल में रहने वाली ट्रांसवुमन नेग मांगना नहीं चाहतीं। वे पढ़ने-लिखने के बाद आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहती हैं।’’
उन्होंने मांग की कि आश्रय स्थल में जबरन घुसकर बवाल करने वाले आरोपियों पर पुलिस की ओर से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि आगे ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
भाषा हर्ष आशीष
आशीष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.