नई दिल्ली: 73वें स्वतंत्रता दिवस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को लाल किले के प्रचीर से कई अहम बातें कहीं. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में डॉक्टरों की भारी कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य सुधार से लेकर जनसंख्या विस्फोट तक की चर्चा की.
पीएम ने कहा, ‘जनसंख्या विस्फोट हमारी और आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करने वाला है. लेकिन ये बात माननी होगी कि हमारे देश में एक जागरूक वर्ग है, जो इस बात को भलीभांति समझता है.’ तेज़ी से बढ़ती आबादी को उन्होंने जनसंख्या विस्फोट करार दिया.
जनसंख्या विस्फोट हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है, लेकिन ये बात मानना होगा कि हमारे देश में एक जागरुक वर्ग है, जो इस बात को भलीभांति समझता है: प्रधानमंत्री @narendramodi #स्वतंत्रतादिवस #IndependenceDayIndia #IndependenceDay2019 pic.twitter.com/smQrLSAt35
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 15, 2019
पीएम द्वारा जनसंख्या पर चिंता जताए जाने के बाद से #populationcontrollaw ट्विटर पर लगातार ट्रेंड कर रहा है. पीएम के बयान पर टैक्सपेयर एसोसिएशन ऑफ़ भारत (टैक्सैब) के मनु गौर ने कहा, ‘बुधवार को हमारे हज़ारों स्वयंसेवकों ने पीएम मोदी को इस विषय पर ट्वीट किया था. हज़ारो लोगों ने इस मुद्दे को उठाने के लिए पीएम को वीडियो संदेश भी भेजे थे.’
पीएम मोदी ने जिम्मेदार पालन-पोषण का भी ज़िक्र किया. इसी संदर्भ में उन्होंने समझदार लोगों की ओर इशारा किया. जिन्हें ज़्यादा बच्चे पैदा करने के नुकसान का पता है. जिम्मेदार पालन-पोषण एक ऐसी चीज़ है, ज़िसके जरिए आबादी को संयमित किया जा सकता है.
टैक्सैब एक स्वतंत्र एडवोकेसी समूह है. संस्था की मांग है कि सरकार को ऐसा क़ानून बनाना चाहिए, जिससे हर परिवार के सिर्फ दो बच्चों को ही सरकारी चीज़ों को फायदा मिलना चाहिए, अगर दो से ज़्यादा बच्चे होते हैं, उन्हें ये फायदे न मिले. इसे लेकर संस्था ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसे जिम्मेदार अभिभावक अधिनियन (ड्राफ्ट) 2019 नाम दिया गया है. पिछले शीतकालीन सत्र में 100 से अधिक सांसदों ने इस पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को सौंपा था.
भारत की वर्तमान आबादी 130 करोड़ से ज़्यादा है और बिना किसी रुकावट के बढ़ रही है. इसे लेकर हाल ही में जंतर-मंतर पर भी एक आयोजन किया गया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री और बिहार से भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता गिरिराज सिंह भी शामिल थे. लेकिन एक विचारधारा विशेष द्वारा आयोजित किया गया ये आयोजन एक धर्म विशेष के लोगों के ख़िलाफ़ प्रोपेगैंड के प्लेटफॉर्म में तब्दील हो गया.
ऐसे में पीएम मोदी द्वारा जनसंख्या नियंत्रण की अपील को एक मज़बूत पहल मान सकते हैं. भारत में लंबे समय से ‘हम दो-हमारे दो’ का नारा रहा है, लेकिन ज़मीन पर इसका ख़ासा असर देखने को नहीं मिला. हालांकि, भारत की जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार पहले से धीमी पड़ी है.