नई दिल्ली: अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने वरिष्ठ आईएसआईएस आतंकवादी मोहम्मद शरीफुल्लाह को पकड़ने में मदद की है. माना जाता है कि शरीफुल्लाह 2021 में काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट में शामिल था. इस खुलासे की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात कांग्रेस को संबोधित करते हुए दी.
2021 में हुआ यह विस्फोट हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एबी गेट पर हुआ था, जब अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी सेना को निकाल रहा था. इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों और 170 से अधिक अफगान नागरिकों की मौत हो गई थी, जो देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे.
ट्रंप ने शरीफुल्लाह, जिसे जाफर के नाम से भी जाना जाता है, को पकड़ने में मदद करने के लिए पाकिस्तानी सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मैं खासतौर पर पाकिस्तान सरकार को इस राक्षस को पकड़ने में मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.”
उन्होंने यह भी बताया कि शरीफुल्लाह को अमेरिका लाया जा रहा है, जहां उस पर मुकदमा चलेगा.
काबुल से अमेरिका की वापसी को लेकर ट्रंप ने इसे “शायद हमारे देश के इतिहास का सबसे शर्मनाक क्षण” करार दिया, जिसके कारण आत्मघाती हमला हुआ.
उन्होंने इसे “अफगानिस्तान से एक विनाशकारी और अक्षम वापसी” बताया और कहा कि इस घटनाक्रम से अन्य विश्व नेताओं, विशेष रूप से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह संकेत मिला कि अमेरिका कमजोर पड़ गया है और खतरे का सामना करने में असमर्थ है.
शरीफुल्लाह, जिसे इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा ISIS-खुरासान का वरिष्ठ सदस्य बताया जा रहा है, को फरवरी के अंत में अफगान सीमा के पास पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. इस कार्रवाई में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने सहयोग दिया.
गिरफ्तारी के बाद, अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) की एक टीम पूछताछ के लिए पाकिस्तान गई, जहां शरीफुल्लाह ने कई हमलों में अपनी संलिप्तता कबूल की, जिनमें काबुल हवाई अड्डे पर हुआ आत्मघाती हमला भी शामिल था. दि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अमेरिकी सरकार ने शरीफुल्लाह पर आरोप तय किए, जिसके बाद उसे अमेरिका भेज दिया गया, जहां उसका मुकदमा चलेगा। जल्द ही आरोपपत्र सार्वजनिक होने की संभावना है, जिसमें अन्य हमलों की योजना में उसकी कथित भूमिका का खुलासा किया जाएगा.
ISIS-खुरासान समूह, जो सनाउल्लाह ग़फ़ारी के नेतृत्व में है, अफगानिस्तान और उसके बाहर कई घातक हमले कर चुका है. इसने मार्च 2024 में मॉस्को के एक कंसर्ट हॉल में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 144 लोग मारे गए और 500 से अधिक घायल हुए थे. इसके अलावा, इसी साल ईरान के केरमान शहर में हुए बम विस्फोट में कम से कम 80 लोगों की मौत हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी भी इस समूह ने ली थी.
काबुल के एबी गेट पर हुए बम धमाके के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने दोषियों की तलाश शुरू की थी. हमले के कुछ दिनों बाद, ISIS-खुरासान के साजिशकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए एक अमेरिकी ड्रोन हमले को अंजाम दिया गया था, लेकिन इसमें गलती से 10 नागरिक मारे गए थे.
इस बीच, अप्रैल 2023 में, तालिबान ने कथित रूप से एक वरिष्ठ ISIS आतंकवादी को मार गिराया था, जिसके काबुल हमले में शामिल होने की आशंका जताई गई थी.
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