नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने मंगलवार को कहा कि ‘बार और बेंच (पीठ)’ एक सिक्के के दो पहलू हैं, जिनका एक ही लक्ष्य है – न्याय की तलाश।
अखिल भारतीय वरिष्ठ अधिवक्ता संघ द्वारा शीर्ष अदालत के चार न्यायाधीशों के सम्मान में आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि न्यायाधीश यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं कि वादियों के साथ कोई अन्याय न हो, लेकिन गुणवत्तापूर्ण सहायता प्रदान करने की समान जिम्मेदारी बार की भी है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘बार और बेंच (पीठ) एक सिक्के के दो पहलू हैं, जिनका एक ही लक्ष्य है, यानी न्याय की खोज। हमारा प्रयास हर मामले में सच्चाई का पता लगाना है। न्यायाधीशों के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं कि कोई अन्याय न हो। लेकिन समान जिम्मेदारी बार की भी है, जो हमें गुणवत्तापूर्ण सहायता प्रदान करने में सहायता करती है।’’
अखिल भारतीय वरिष्ठ अधिवक्ता संघ ने न्यायमूर्ति मनमोहन, न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह, न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए जाने पर सम्मानित किया।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, संघ के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन तथा इसके महासचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश सी अग्रवाला ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
भाषा वैभव दिलीप
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