इंफाल, चार मार्च (भाषा) हिंसाग्रस्त मणिपुर के पांच जिलों में लोगों ने स्वेच्छा से 33 हथियार एवं कारतूस अधिकारियों के पास जमा करवाये। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूड़ाचांदपुर, थौबल, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों में लोगों ने हथियार जमा कराए।
गौरतलब है कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा करने की समयसीमा को पर्वतीय एवं घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों की अतिरिक्त समय की मांग के बाद हाल में छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है।
भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य के लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से जमा करने का आग्रह किया था और आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान हथियार जमा करने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव पी. के. सिंह ने भी कहा था कि अगर कोई व्यक्ति हथियार जमा करना चाहता है तो स्वेच्छा से हथियार जमा करने के लिए दिया गया सात दिन का समय पर्याप्त है और उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अवधि के समाप्त होने के बाद सेना ऐसी बंदूकें बरामद करने के लिए कार्रवाई करेगी।
मई 2023 से इंफाल घाटी स्थित मेइती और आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। इससे कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था ।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है।
भाषा सुरभि रंजन
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