नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को किसान आभार सम्मेलन में बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि किसानों को अब मात्र 5 रुपये में बिजली का स्थायी कनेक्शन मिलेगा. मध्य क्षेत्र में यह व्यवस्था तुरंत लागू होगी और चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में इसे विस्तार दिया जाएगा. साथ ही, अगले तीन वर्षों में किसानों को 30 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी। प्रतिवर्ष 10-10 लाख किसानों को यह सुविधा दी जाएगी.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों द्वारा उत्पादित सौर ऊर्जा की खरीद कर उन्हें नगद भुगतान किया जाएगा. उन्होंने गेहूं खरीद पर 2,600 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने की घोषणा की, जिसमें 175 रुपये बोनस शामिल होगा. साथ ही, धान उपार्जन पर 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया.
कृषकों के स्वागत के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पारंपरिक तरीके से अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर किसानों ने उन्हें प्रतीक-चिन्ह के रूप में बैलगाड़ी और हल की प्रतिकृति भेंट की.
मुख्यमंत्री ने किसानों से फसल चक्र में बदलाव का आह्वान किया और मूंगफली व प्राकृतिक फसलों को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा और कपास उत्पादन से टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार गाय पालने वालों को अनुदान देगी। 10 से अधिक गाय पालने पर विशेष सहायता दी जाएगी. गौ-शालाओं को प्रति गाय 40 रुपये अनुदान मिलेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें.
प्रदेश में कृषि व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जिला स्तर पर कृषि मेले लगाए जाएंगे. सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना और चंबल-काली सिंध-पार्वती लिंक परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. ताप्ती नदी पर भी एक नई परियोजना महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से शुरू की जाएगी.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह किसानों की सरकार है, जो उनके हित में लगातार कार्य कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सरकार गरीबों और किसानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है.
किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंषाना और खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा ने भी किसानों के हित में सरकार की योजनाओं की प्रशंसा की. इस दौरान ऊर्जा, उद्यानिकी, खाद्य नागरिक आपूर्ति, और कृषि विभाग की योजनाओं पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई.
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