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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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छात्र चुनौतियों को हल करने में योगदान दें: इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ

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रायपुर, 28 फरवरी (भाषा) इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शुक्रवार को भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर दिया और छात्रों को स्वास्थ्य सेवा पहुंच में सुधार, डिजिटल खाई को पाटने और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने जैसी चुनौतियों का समाधान करने में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

सोमनाथ रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के 15वें दीक्षांत समारोह को बतौर विशेष अतिथि संबोधित कर रहे थे।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”हमारा देश ‘विकसित भारत’ बनने की कोशिश कर रहा है। हम खुद को शीर्ष पर देखना चाहते हैं। एक ऐसा राष्ट्र जो बहुत ज्ञानी हो, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी हो तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी से धन पैदा करे।”

उन्होंने कहा, ”आप यह भी जानते हैं कि हमारा देश वास्तव में बहुत अच्छा कर रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवें स्थान पर है। भारत एक ऐसा राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखता है जो एक दिन आर्थिक रूप से शीर्ष राष्ट्र बन जाएगा तथा एक शक्तिशाली राष्ट्र भी बनेगा, जिसके पास संभवतः किसी समय ब्रह्मांड का भाग्य निर्धारित करने की शक्ति होगी।”

सोमनाथ ने कहा कि ऐसे राष्ट्र को विकसित होना होगा और यह केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही संभव है। धन सृजन नए ज्ञान, नए कौशल और नए उत्पादों तथा सेवाओं का सृजन करने की क्षमता के कारण होगा।

उन्होंने कहा कि इसे बनाए रखने के लिए हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी से धन सृजन के पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए इन कौशलों को अपनाएंगे।

सोमनाथ ने इस बात पर जोर दिया कि डिग्री हासिल करना केवल शुरुआत है, तथा सच्ची सफलता निरंतर सीखने, लचीलापन और चुनौतियों के अनुकूल होने की क्षमता में निहित है।

उन्होंने बताया कि कैसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कठोर परीक्षण, सावधानीपूर्वक योजना और पिछले अनुभवों से सीखने पर पनपती है। उन्होंने भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर दिया और एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को प्रमुख बताया।

सोमनाथ ने इस दौरान छात्रों को राष्ट्रीय चुनौतियों को हल करने में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार, डिजिटल खाई को पाटना, साइबर सुरक्षा को मजबूत करना, ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करना तथा जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करना।

उन्होंने छात्रों को अनुकूलनशील बने रहने, लगातार कौशल बढ़ाने और उद्यमशीलता के रास्ते तलाशने की सलाह दी।

सोमनाथ ने इस दौरान आजीवन सीखने के महत्व को रेखांकित किया तथा छात्रों से जिज्ञासु और खुले दिमाग वाले बने रहने, विविध विषयों को पढ़ने और वैश्विक विकास के बारे में जानकारी रखने का आग्रह किया।

उन्होंने जटिल समस्याओं से निपटने में सहयोग, टीम निर्माण और अंतःविषय दृष्टिकोण की शक्ति पर जोर दिया।

अपने संबोधन में किर्लोस्कर ब्रदर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रयासों को स्वीकार करते हुए सफल करियर को आकार देने में दृढ़ता, अनुशासन और लचीलेपन के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने छात्रों से ईमानदारी, महत्वाकांक्षा और जिम्मेदारी के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया।

इस दौरान एनआईटी रायपुर के ‘बोर्ड ऑफ गवर्नर्स’ के अध्यक्ष डॉक्टर सुरेश हावरे और एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉक्टर एनवी रमना राव भी मौजूद थे।

भाषा संजीव शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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