नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 (Q3) तिमाही में 6.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, सरकार ने शुक्रवार को यह घोषणा की. इसके साथ ही, पूरे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है. Q3 में, एग्रीकल्चर सेक्टर की वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से ज्यादा रही.
Q3 में यह वृद्धि, Q1 की 6.5 प्रतिशत और Q2 की 5.6 प्रतिशत वृद्धि के बाद आई है, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत थी. सरकारी अनुमान के अनुसार, अगर पूरे साल की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहनी है, तो अंतिम तिमाही में विकास दर 7.7 प्रतिशत होनी चाहिए, जो हाल के रुझानों की तुलना में काफी अधिक है.
Q3 की वृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र के अर्थशास्त्रियों के पूर्वानुमानों के निचले स्तर पर रही. उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आर्थिक अनुसंधान विभाग ने 6.2-6.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 6.6 प्रतिशत का पूर्वानुमान दिया था, जबकि निजी क्षेत्र की रेटिंग एजेंसी ICRA ने 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था.
एग्रीकल्चर सेक्टर ने अपनी मजबूती जारी रखी, जिसकी वृद्धि दर Q3 में 5.6 प्रतिशत रही, जो कि Q2 के 4.1 प्रतिशत और पिछले वर्ष की समान तिमाही के 1.5 प्रतिशत से काफी अधिक है.
दरअसल, एग्रीकल्चर सेक्टर की वृद्धि दर इस वर्ष मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से अधिक रही, जिसमें Q3 के दौरान 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि, यह Q2 के 2.1 प्रतिशत से तेज रही, लेकिन पिछले वर्ष की समान तिमाही के 14 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम रही.
पिछले वर्ष के उच्च आधार को इस वर्ष मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन का एक संभावित कारण माना जा सकता है.
सेवा क्षेत्र ने Q3 में 7.4% की अच्छी वृद्धि दर्ज की, जो Q2 के 7.2% से ज्यादा लेकिन पिछले साल की इसी तिमाही के 8.3% से थोड़ा कम है.
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