scorecardresearch
Friday, 28 February, 2025
होमदेशअमित शाह ने की दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा, नई सरकार और पुलिस के तालमेल पर दिया जोर

अमित शाह ने की दिल्ली में कानून-व्यवस्था की समीक्षा, नई सरकार और पुलिस के तालमेल पर दिया जोर

बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह मंत्री आशीष सूद, केंद्रीय गृह सचिव, आईबी प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक की अध्यक्षता की.

इस बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं.

इसके अलावा, केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो (IB) प्रमुख और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए.

यह बैठक मुख्य रूप से नवगठित दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच समन्वय को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर केंद्रित थी, साथ ही शहर में कानून-व्यवस्था से जुड़ी नई चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिसिंग को और सशक्त बनाने पर भी चर्चा की गई.

अमित शाह देशभर में सुरक्षा स्थिति की निगरानी करते रहे हैं और पहले भी दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी के रूप में अहमियत को देखते हुए एक मजबूत कानून प्रवर्तन प्रणाली की जरूरत पर जोर दे चुके हैं.

हाल ही में चुनी गई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, जो शालीमार बाग से भाजपा की पहली बार निर्वाचित हुईं विधायक हैं और 20 फरवरी को दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुकी हैं, उन्होंने इस बैठक में शामिल हुई हैं. दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे.

इससे पहले, 18 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ एक बैठक में “अनुपस्थिति में मुकदमे” (trial in absentia) के प्रावधानों को लागू करने और अप्रैल 2025 तक नए आपराधिक कानूनों को पूर्ण रूप से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया था.

इस बैठक के दौरान शाह ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को तीन नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023; और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023—का तेजी से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तकनीक के अधिकतम उपयोग पर बल दिया. ये तीनों नए कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लाए गए हैं.

शाह ने यह भी निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर में इन तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर क्रमशः मासिक, पाक्षिक और साप्ताहिक आधार पर की जानी चाहिए.


यह भी पढ़ें: बिना सूचना दुकानों को तोड़ने के खिलाफ SC में दायर याचिका ने कैसे वाराणसी रोपवे के काम को रोका


 

share & View comments