नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने ही पहली बार यह सुझाव दिया था कि सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया जाए. चिदंबरम ने पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए पार्टी प्रमुख के रूप में अप्रत्याशित वापसी करने का मार्ग प्रशस्त किया.
पार्टी के नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि चिदंबरम ने सोनिया का नाम कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में शनिवार को रखा, राहुल गांधी के पद छोड़ने पर अड़े थे और उनके उत्तराधिकारी को चुनने पर विचार-विमर्श के दौरान गतिरोध जारी था.
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चिदंबरम के द्वारा नाम सुझाए जाने के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने प्रियंका (गांधी वाड्रा) से पूछा कि अगर राहुल नहीं, तो सोनिया को ही अगला विकल्प बनना चाहिए.
पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि राहुल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि परिवार से किसी को भी नहीं लेना चाहिए, उन्होंने यह भी कहा ‘लेकिन वह यह भी कहना चाहती थीं कि अगर वह (सोनिया) सहमत हैं, तो क्यों नहीं.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सुझाव में पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी को छोड़कर अन्य सीडब्ल्यूसी सदस्यों का साथ मिला, जिन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी को सोनिया पर बल नहीं देना चाहिए.
वरिष्ठ नेता एंटनी ने कहा कि पार्टी को सोनिया को मजबूर नहीं करना चाहिए और जो कुछ भी वह तय करती है, हैं उस पर ध्यान देना चाहिए.
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अचानक से हुई सोनिया गांधी के नाम की घोषणा
बैठक में मौजूद नेता के अनुसार सोनिया को सुझाव से अचानक लाया गया, उन्होंने सिर को हिलाया और कार्यभार संभालने से इनकार कर दिया.
लेकिन अंबिका सोनी, गुलाम नबी आज़ाद, कुमारी शैलजा और आशा कुमारी सहित अन्य कांग्रेस कार्य समिति सदस्यों के इस निर्णय का समर्थन करने के बाद वह अंततः सहमत हो गईं.
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को आश्चर्यजनक रूप से सोनिया गांधी का नाम उछाला और संगठनात्मक चुनावों तक सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाने की लिए कहा. यह निर्णय राहुल गांधी के इस्तीफा देने के तीन महीने बाद आया और 17 महीने बाद सोनिया ने उनके लिए रास्ता बनाया.
सिंधिया ने अंतिम समाधान पर जोर दिया
कांग्रेस पार्टी के पश्चिम यूपी प्रभारी और सीडब्ल्यूसी सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘उन्होंने शनिवार को ही अंतिम प्रस्ताव पर जोर दिया था.’
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जैसा कि लग रहा था कि कोई भी निर्णय नहीं लिया जायेगा. सिंधिया ही थे जिन्होंने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितनी देर हो जाए, आज हम एक निर्णय पर पहुंचेंगे. इसके कारण शनिवार को लगभग 12 घंटे की बैठक हुई.’
वरिष्ठ नेताओं ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि शाम की बैठकों के दौरान किसी भी नाम का उल्लेख नहीं किया गया था. किसी ने भी मुकुल वासनिक, सुशील कुमार शिंदे या मल्लिकार्जुन खड़गे की नाम का उल्लेख नहीं किया.
उन्होंने कहा, उप-समिति की बैठकों के दौरान प्रियंका, सिंधिया और (सचिन) पायलट के नाम का जिक्र हुआ, लेकिन सीडब्ल्यूसी के दौरान नहीं हुआ.
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