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गुरूवार, 3 जुलाई, 2025
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सरकार की जीव जंतु कल्याण बोर्ड के दिशानिर्देश में बदलाव की योजना

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नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार जीव जंतु कल्याण बोर्ड के पुराने दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की योजना बना रही है ताकि उन्हें वर्तमान परिदृश्य में अधिक प्रासंगिक बनाया जा सके और पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने के प्रयासों के तहत उनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) के एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए पशु कल्याण के बारे में जागरूकता पैदा करने और पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए लोगों के मन में विभिन्न कानूनों के प्रति भय पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से हिंदू धर्म में पशुओं के ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से बात की।

मंत्री ने एडब्ल्यूबीआई के प्राणी मित्र और जीव दया पुरस्कार प्रदान किए और कहा कि इसका उद्देश्य पशु कल्याण और संरक्षण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उत्कृष्ट व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना है।

उन्होंने कहा कि इसका प्राथमिक उद्देश्य समाज में पशुओं के प्रति दया और करुणा को प्रोत्साहित करना है, साथ ही नागरिकों में पशुओं के साथ मानवीय व्यवहार करने के लिए जागरूकता बढ़ाना है।

बघेल ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब हमारे समाज में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं, पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकना एक बड़ी चुनौती है।’’

उन्होंने कहा कि इसलिए, स्कूल स्तर पर जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण हो जाता है। बघेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें, राज्य पशु कल्याण बोर्ड इस क्षेत्र में प्रयास कर रहे हैं।

पशुपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि सरकार एडब्ल्यूबीआई के पुराने दिशा-निर्देशों में बदलाव करने की कोशिश कर रही है ताकि इसे आधुनिक, वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिक और लागू करने योग्य बनाया जा सके। उन्होंने ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के बारे में भी बात की क्योंकि पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने में उनकी बड़ी भूमिका है।

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) की स्थापना 1962 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 4 के अनुसार की गई थी। बोर्ड का कार्य सामान्य रूप से पशु कल्याण को बढ़ावा देना और विशेष रूप से पशुओं को अनावश्यक दर्द या पीड़ा से बचाना है।

एडब्ल्यूबीआई एक वैधानिक निकाय है और पशुओं के प्रति क्रूरता सहित पशु कल्याण से संबंधित मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों को सलाह देता है।

पशुपालन आयुक्त और एडब्ल्यूबीआई अध्यक्ष अभिजीत मित्रा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें बोर्ड के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में प्रयास कर रही हैं। पुरस्कार समारोह के दौरान राज्य पशु कल्याण बोर्ड, डिस्ट्रिक्ट सोसायटी फॉर प्रीवेंशन आफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स (एसपीसीए), गौ सेवा आयोग, पशु कल्याण संगठन आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे।

पुरस्कार दो प्रमुख श्रेणियों के तहत प्रदान किए गए: प्राणी मित्र पुरस्कार और जीव दया पुरस्कार।

भाषा अमित माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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