पुणे, 27 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने बृहस्पतिवार को स्वारगेट एमएसआरटीसी बस डिपो के निजी सुरक्षा कर्मियों को कुछ दिन पहले 26 वर्षीय महिला के साथ हुए बलात्कार के लिए जिम्मेदार ठहराया और साथ ही कहा कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
मंगलवार की सुबह एसटी बस के अंदर हिस्ट्रीशीटर दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) ने महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया। गाडे को पकड़ने के लिए पुलिस ने 13 टीम गठित की हैं।
कदम ने कहा कि स्वारगेट एमएसआरटीसी बस टर्मिनल पर सुरक्षा गार्ड निगम के माध्यम से एक निजी एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं और डिपो प्रबंधक को अधिक सतर्क रहना चाहिए था।
उन्होंने यह भी कहा कि वह यह दावा नहीं कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने में पुलिस की कोई भूमिका नहीं है।
कदम ने दावा किया, ‘‘स्वारगेट पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम ने घटना के वक्त देर रात 1:30 बजे से लेकर 3:30 बजे तक इलाके में गश्त की थी। (निगम) ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था नहीं रखी है, इसलिए डिपो प्रबंधक की जिम्मेदारी बनती है। उन्हें सुरक्षाकर्मियों की कार्यप्रणाली की जांच करनी चाहिए थी। चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करना एमएसआरटीसी की जिम्मेदारी है, जिसने सुरक्षाकर्मियों को काम पर रखा है और उन्हें वेतन भी देता है।’’
एमएसआरटीसी द्वारा स्वारगेट बस डिपो में असामाजिक तत्वों के बारे में पुलिस को पहले लिखे गये पत्र के बारे में पूछे जाने पर कदम ने कहा, ‘‘आप एक पत्र देकर (सुरक्षा संबंधी अपनी जिम्मेदारी से) भाग नहीं सकते।’’
राज्य मंत्री ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप के खेल में शामिल होने के बजाय, आरोपी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।
कदम ने कहा, ‘‘घटना सुबह छह बजे की है और पीड़िता ने नौ बजे पुलिस को शिकायत की। शिकायत मिलते ही सीसीटीवी के जरिए आरोपी की पहचान कर ली गई और उसका पता लगा लिया गया। वह फरार हो गया है। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद हमें पता चला कि वह भागने के लिए बस में सवार हुआ था।’’
उन्होंने कहा कि यह आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर के व्यस्त बस टर्मिनल पर सुरक्षा व्यवस्था ठीक होती तो इस घटना को रोका जा सकता था।
पुलिस और एमएसआरटीसी तंत्र के बीच समन्वय के बारे में उन्होंने कहा कि बुधवार को परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक के साथ इस बात पर चर्चा हुई थी कि क्या संवेदनशील स्थानों पर पुलिस मार्शल तैनात किए जा सकते हैं।
स्वारगेट बस टर्मिनल के दौरे के दौरान कदम के साथ पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, संयुक्त आयुक्त रंजन कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी थे।
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देवेंद्र माधव
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