बेंगलुरु, 26 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने आईटी उद्योग के दिग्गज और इंफोसिस के पूर्व सीएफओ टी वी मोहनदास पई पर निशाना साधते हुए उन पर प्रदेश और यहां के लोगों के प्रति ‘निरंतर नकारात्मकता’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने पई को भाजपा से जोड़ने की कोशिश करते हुए उनसे राज्य के हित में काम करने का आग्रह किया।
खरगे पई की ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्हें और राज्य सरकार को बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे को लेकर निशाना बनाया गया था।
पई ने खरगे के एक पहले के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए 24 फरवरी को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मंत्री प्रियांक खरगे हम यह सब जानते हैं, लेकिन हमें बताएं – हमारे मंत्री के रूप में आपने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या किया है? आपने यह भी सुनिश्चित नहीं किया है कि शहर साफ हो, उसमें कोई गड्ढा न हो और अच्छे फुटपाथ हों! यह रॉकेट साइंस नहीं बल्कि नियमित रखरखाव का काम है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘कृपया मंत्री डीके शिवकुमार (उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास के प्रभारी) से बात करें ताकि हमें कम से कम एक साफ-सुथरा चलने लायक शहर मिल सके! क्या यह बहुत बड़ी मांग है? पिछले 2 साल में हमारा जीवन और भी दयनीय हो गया है!’’
पई की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए खरगे ने मंगलवार को पोस्ट किया कि शहर के बुनियादी ढांचे पर दबाव तेजी से विकास और जनसंख्या वृद्धि से उपजा है और सरकार इससे उसी तत्परता से निपट रही है जिसकी जरूरत है।
उन्होंने पई को भाजपा से जोड़ने का प्रयास करते हुए कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि आपके नेता कर्नाटक और कन्नडिगा लोगों के प्रति आपकी निरंतर नकारात्मकता की सराहना कर सकते हैं, लेकिन मेरा विश्वास करें, यह दृष्टिकोण आपको कभी भी दिल्ली के करीब नहीं लाएगा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप दिल्ली में सत्ता के गलियारों में सभी के करीब हैं, राज्य के हित में काम करते हैं।’’
उन्होंने पई से पूछा, ‘‘जब आपके विश्वगुरु नरेन्द्र मोदी कर्नाटक के साथ घोर तिरस्कार का व्यवहार करते हैं तो आप चुप क्यों रहते हैं?’’
बेंगलुरु के साथ केंद्र सरकार के ‘अन्याय’ पर भाजपा सांसदों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए मंत्री ने पई से पूछा, ‘‘जब कंपनियों को दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर किया जाता है तो आप चुप क्यों रहते हैं? जब आपके नेताओं ने हमारे राज्य को एआई या सेमीकंडक्टर मिशन के हिस्से के रूप में नहीं चुना तो आपने इसकी निंदा क्यों नहीं की?’’
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.