अहमदाबाद, 25 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान की कराची जेल से रिहा किए गए 22 भारतीय मछुआरे मंगलवार को गुजरात के गिर सोमनाथ पहुंचे और उन्होंने स्वदेश लौटने पर खुशी जाहिर की।
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि पाकिस्तान की जेलों में बंद अन्य भारतीय मछुआरों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
ये 22 मछुआरे अप्रैल 2021 से दिसंबर 2022 के बीच अरब सागर में गुजरात तट के पास मछली पकड़ते समय पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए थे।
वेरावल के मत्स्य पालन सहायक निदेशक वी. के. गोहेल के अनुसार, अभी भी लगभग 195 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं।
पाकिस्तान से रिहा किए गए 22 मछुआरों में से 18 गुजरात के, तीन केंद्र शासित प्रदेश दीव के और एक उत्तर प्रदेश का निवासी है।
गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने केंद्र सरकार से मछुआरों की रिहाई का अनुरोध किया था।
गोहेल ने बताया कि इन मछुआरों को कुछ दिन पहले वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था। वे सोमवार शाम ट्रेन से वडोदरा पहुंचे, जिसके बाद मंगलवार को बस के जरिए गिर सोमनाथ जिले के वेरावल पहुंचे।
वडोदरा पहुंचने पर मछुआरों ने अपने देश लौटने पर खुशी जताई और पाकिस्तानी जेलों में बंद अन्य मछुआरों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की।
वडोदरा में पत्रकारों से बात करते हुए एक मछुआरे ने कहा, ‘वे बीमारियों से पीड़ित हैं और खाने-पीने की समस्या झेल रहे हैं। वे गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं।’
एक अन्य मछुआरे ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसे साढ़े तीन साल पहले गुजरात तट से मछली पकड़ते समय पकड़ा गया था।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी 22 लोग बीमार हैं और अभी भी कई मछुआरे वहां कैद हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा करवाने के लिए हर संभव प्रयास करें क्योंकि वहां की जेलों में बहुत दिक्कतें हैं।’
रिहा हुए मछुआरे अपने साथ पाकिस्तानी जेल में बंद अन्य भारतीय मछुआरों का एक पत्र भी लेकर आए जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की और सरकार से उनकी रिहाई के लिए त्वरित कदम उठाने का अनुरोध किया।
पत्र में लिखा है, ‘हम यहां 150 मछुआरे हैं। दो साल पहले पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हमें रिहा कर दिया था, लेकिन हम अब भी जेल में बंद हैं। जेल में तनाव के कारण लगभग सभी मछुआरे मानसिक रोगी हो गए हैं। हम बीमार हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है और त्वचा संबंधी रोगों से पीड़ित हैं, फिर भी यहां से सिर्फ 22 मछुआरों को ही रिहा किया गया है। बाकी 150 मछुआरों के साथ अन्याय हो रहा है। यहां कोई नहीं है जो हमारी स्थिति को समझे।’
गुजरात के 18 मछुआरों में से 14 गिर सोमनाथ जिले से, तीन देवभूमि द्वारका से और एक राजकोट से है।
विदेश मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 को लोकसभा में बताया कि वर्ष 2014 से अब तक पाकिस्तान से कुल 2,639 भारतीय मछुआरों को वापस लाया गया है।
पाकिस्तान की हिरासत में 1 जुलाई 2024 तक 209 भारतीय मछुआरे थे जिनमें से वर्ष 2021 से 51 मछुआरे, वर्ष 2022 से 130 मछुआरे, वर्ष 2023 से नौ मछुआरे और 19 मछुआरे वर्ष 2024 से जेल में बंद हैं।
भाषा राखी नरेश पवनेश
पवनेश
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