हैदराबाद, 24 फरवरी (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बीआरएस और भाजपा पर 27 फरवरी को होने वाले विधान परिषद (एमएलसी) चुनावों के लिए ‘गुप्त समझौता’ करने का सोमवार को आरोप लगाया।
निजामाबाद में अपनी पहली चुनावी सभा में उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच शुरू करने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव और उनके बेटे के टी रामा राव के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि संजय कुमार बीआरएस शासन में फोन टैपिंग मामले के दो आरोपियों (वर्तमान में अमेरिका में) के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के राज्य सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई करने में जानबूझकर देरी कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि यह एमएलसी चुनावों में समर्थन के बदले बीआरएस के साथ हुए समझौते का हिस्सा है।
रेड्डी ने पूछा, ‘क्या आप ही एमएलसी चुनावों में बीआरएस के समर्थन के बदले में उनके प्रत्यर्पण को रोक नहीं रहे हैं?’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आरोपियों को वापस लाया गया तो बीआरएस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया, “किशन रेड्डी और बंदी संजय ब्लैकमेलिंग के जरिए फोन टैपिंग मामले में चंद्रशेखर राव, हरीश और केटी रामा राव की गिरफ्तारी में बाधा डाल रहे हैं।’
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फार्मूला ई रेसिंग मामले में के टी रामा राव को गिरफ्तार क्यों नहीं किया है या भेड़ वितरण योजना से संबंधित कथित घोटाले में कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं की है, जबकि जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित फाइलें जब्त कर ली गई हैं।
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नोमान नरेश
नरेश
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