नई दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) चिकित्सकों का कहना है कि शौचालय की सीट पर बैठकर लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करने से बवासीर और गुदा फिस्टुला की समस्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि इस आदत के साथ-साथ यदि आपकी बैठकर काम करने की (गतिहीन) जीवनशैली है और खराब आहार लेते हैं तो उसके फलस्वरूप मलाशय क्षेत्र पर दबाव बढ़ता है और ऐसे में ऐसी दर्दनाक स्थिति उत्पन्न होती है, जिसके लिए अक्सर आपको चिकित्सकीय परामर्श की जरूरत होगी।
मुंबई के ग्लेनीगल्स अस्पताल के वरिष्ठ रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. जिग्नेश गांधी ने इस चिंता को उजागर करते हुए आरामतलब जीवनशैली और शौचालयों में अत्यधिक फोन के इस्तेमाल के बीच संबंध बताया।
वह शनिवार को ओखला में ईएसआईसी अस्पताल के 74वें स्थापना दिवस पर बोल रहे थे।
अस्पताल के सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. रवि रंजन ने बताया कि अस्पताल में एक साल में बवासीर और फिस्टुला के 500 से ज़्यादा मामले आए।
उन्होंने खराब जीवनशैली की आदतों जैसे कम पानी पीना, ‘जंक फूड’ का अत्यधिक सेवन और शौचालय में ज्यादा समय बिताना, को इसका मुख्य कारण बताया।
मारेंगो एशिया अस्पताल के सर्जन डॉ. बीरबल ने कहा, ‘‘खराब आहार से जन्म लेने वाली पुरानी कब्ज और शौचालय पर लंबे समय तक बैठे रहने से एक दुष्चक्र बन जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे मलाशय क्षेत्र पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे दर्दनाक सूजन होती है, परिणामस्वरूप बवासीर और गंभीर मामलों में गुदा फिस्टुला हो सकता है।’’
विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या सरकारी अस्पतालों पर दबाव डाल रही है। उन्होंने बोझ को कम करने के लिए स्थानीय एनेस्थीसिया (राफेलो) के तहत बवासीर के ‘रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन’ जैसी न्यूनतम चीरफाड़ वाली प्रक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि ‘रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन’ से जल्द राहत मिलती है, उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है और पारंपरिक ऑपरेशन की तुलना में कम वक्त लगता है।
भाषा राजकुमार नरेश
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