भुवनेश्वर, 22 फरवरी (भाषा) ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि निजी इंजीनियरिंग संस्थान केआईआईटी के एक नेपाली छात्र की मौत और हिमालयी देश के छात्रों पर कथित हमले के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी केआईआईटी के संस्थापक अच्युत सामंत की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
बड़ी संख्या में कांग्रेस के युवा और छात्र कार्यकर्ताओं ने कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान (केआईआईटी) के मुख्य द्वार के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया और सामंत का पुतला जलाया।
जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केआईआईटी परिसर में घुसने का प्रयास किया तो सुरक्षाकर्मियों और आंदोलनकारियों के बीच हाथापाई हो गई।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जब एक दिन पहले ही विधानसभा में पार्टी विधायकों ने 20 वर्षीय नेपाली छात्रा की मौत और उसके बाद पड़ोसी देश के छात्रों पर कथित हमले की न्यायिक जांच की मांग की थी।
हालांकि, ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि राज्य सरकार केआईआईटी घटना में कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार उच्च स्तरीय समिति के निष्कर्षों की प्रतीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि केआईआईटी के संस्थापक सहित इसके आठ शीर्ष पदाधिकारियों ने सरकारी समिति के समक्ष पेश होकर घटनाओं पर अपना बयान दर्ज कराया है।
सूरज ने कहा, “समिति के निष्कर्षों के आधार पर सरकार कार्रवाई शुरू करेगी।”
मंत्री ने कहा कि पुलिस भी मामले की जांच कर रही है और अब तक संस्थान के बाउंसरों, सुरक्षा गार्डों और अन्य अधिकारियों सहित कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से मिले साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की।
छात्रा की मौत का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस छात्रा को परेशान करने में उसकी संलिप्तता की पुष्टि कर रही है।
मंत्री ने कहा, “पुलिस ने वायरल ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता का पता लगाने के लिए इसे वॉयस स्पेक्ट्रोग्राफ टेस्ट के लिए भेज दिया है।”
उन्होंने कहा कि अगर यह सही पाया गया तो आरोपी के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज किया जाएगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और ओडिशा के पूर्व मुख्य सचिव बिजय पटनायक ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि केआईआईटी में छात्रों के बीच “नस्ली भेदभाव” हो रहा है, क्योंकि केवल नेपाली छात्रों को ही परिसर से बाहर निकाला गया है।
भाषा प्रशांत माधव
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