नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आज़ाद ने केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि कई राज्यों से मिल रही रिपोर्ट में उर्वरकों की आपूर्ति में कमी का संकेत मिलता है। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में दिए गए एक लिखित उत्तर की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया, जिसमें किसी भी कमी की बात से इनकार किया गया था।
आजाद ने 11 फरवरी को लिखे पत्र में चालू रबी सत्र 2024-25 के दौरान डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कमी के संबंध में रसायन और उर्वरक मंत्री जे पी नड्डा द्वारा लोकसभा में दिए गए लिखित जवाब का हवाला दिया।
मंत्रालय ने अपने जवाब में दावा किया कि एक अक्टूबर, 2024 से तीन दिसंबर, 2024 तक 35.52 लाख टन (एलएमटी) की आनुपातिक आवश्यकता के मुकाबले, राज्यों को कुल 38.27 लाख टन डीएपी उपलब्ध कराया गया था, जिसमें तीन दिसंबर तक 9.05 लाख टन का अंतिम स्टॉक था।
आजाद ने कहा, ‘‘यह जवाब न केवल टालमटोल वाला है, बल्कि तथ्यात्मक रूप से भ्रामक भी है। पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि उर्वरकों की आपूर्ति में भारी कमी थी, जो सीधे तौर पर मंत्रालय के पर्याप्त उपलब्धता के दावे का खंडन करती है।’’
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने 29 अक्टूबर, 2024 को एक आधिकारिक संचार में स्पष्ट रूप से कहा कि बार-बार अनुरोध और स्वीकृत आवंटन के बावजूद, राज्य को केवल 57,510 टन डीएपी प्राप्त हुआ, जो रबी सत्र के लिए इसकी स्वीकृत आवश्यकता का एक-तिहाई से भी कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक चिंताजनक अंतर है, जिसने कृषि चक्र के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर किसानों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके अलावा, जबकि मंत्रालय जोर देकर कहता है कि पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, जमीनी रिपोर्ट एक गंभीर वास्तविकता को उजागर करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह इस तथ्य के बावजूद है कि पश्चिम बंगाल में सालाना 20 लाख टन से अधिक रासायनिक उर्वरकों का उत्पादन होता है। अगर उर्वरक उत्पादक राज्य खुद ही इतनी भयंकर कमी का सामना कर रहा है, तो कोई केवल उन राज्यों के किसानों की दुर्दशा की कल्पना कर सकता है जो पूरी तरह से बाहरी आपूर्ति पर निर्भर हैं।’’
उन्होंने कृषि मंत्री से इस संबंध में कार्रवाई करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें और देरी से न केवल किसानों को नुकसान होगा, बल्कि देश की समग्र खाद्य सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय अनुराग
अनुराग
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.