अहमदाबाद, 20 फरवरी (भाषा) सलामी बल्लेबाज प्रियांक पंचाल की 148 रन की शानदार पारी के बाद जयमीत पटेल और सिद्धार्थ देसाई के बीच आठवें विकेट के लिए 72 रन की अटूट साझेदारी की बदौलत गुजरात यहां केरल के पहली पारी में 457 रन के जवाब में बृहस्पतिवार को चौथे दिन सात विकेट पर 429 रन बनाकर तीसरी बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में प्रवेश के करीब पहुंच गया।
जयमीत ने स्वाभाविक स्ट्रोकप्ले पर लगाम लगाकर अपार धैर्य और संयम का परिचय दिया और 161 गेंद में नाबाद 74 रन बनाये। उनकी पारी में सिर्फ दो चौके शामिल थे जिससे दबाव में बल्लेबाजी करने के उनके दृढ़ संकल्प का पता चलता है।
देसाई ने 134 गेंद में नाबाद 24 रन बनाकर टीम को मजबूती प्रदान की और 11 रन पर मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाया।
बाएं हाथ की इस जोड़ी ने शानदार धैर्य दिखाया और 36.4 ओवर तक संघर्ष किया। अब अंतिम दिन गुजरात के तीन विकेट बचे हैं और वह पहली पारी के आधार पर सिर्फ 28 रन से पीछे है।
पहली पारी की बढ़त के आधार पर मैच का नतीजा तय होने की संभावना के साथ जयमीत और देसाई केरल के स्कोर के करीब पहुंचना चाहेंगे और अपनी टीम को 2016-17 के बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाना चाहेंगे जब टीम ने अपना पहला खिताब जीता था।
गुजरात ने 1950-51 में भी रणजी फाइनल में प्रवेश किया था लेकिन टीम तब उपविजेता रही थी।
केरल ने दिन की शुरुआत दमदार तरीके से की। घरेलू दिग्गज जलज सक्सेना ने अपनी चतुर स्पिन गेंदबाजी से टीम की अगुआई की।
मनन हिंगराजिया (33) सुबह के सत्र में सबसे पहले आउट हुए और अपने रात के स्कोर में केवल तीन रन जोड़ सके और जलज का शिकार हुए।
फिर पांचाल भी 150 रन से चूक गए और जलज की गेंद पर आउट हुए। उन्होंने 237 गेंद में 18 चौके और एक छक्के से 148 रन बनाये। लेकिन उनका आउट हेाना घरेलू टीम के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।
विकेटकीपर-बल्लेबाज उर्विल पटेल (25) सुबह के सत्र में आउट होने वाले तीसरे खिलाड़ी बने जो जलज की गेंद पर धोखा खाकर स्टंप आउट हो गए।
केरल की गेंदबाजी की रीढ़ जलज ने 61 ओवर में शानदार गेंदबाजी की और लंच से पहले तीनों विकेट चटकाए।
लंच तक गुजरात का स्कोर पांच विकेट पर 325 रन हो गया था। कप्तान चिंतन गजा (02) ब्रेक के तुरंत बाद एक बार फिर जलज (137 रन देकर चार विकेट) के हाथों आउट हो गए।
गुजरात का स्कोर सात विकेट पर 357 रन था और वापसी की जिम्मेदारी जयमीत और देसाई पर थी। दोनों ने मौके का फायदा उठाया।
जयमीत और देसाई ने असाधारण रक्षात्मक तकनीक और धैर्य का प्रदर्शन किया, जिससे केरल के गेंदबाजों को कोई और सफलता नहीं मिली।
जयमीत ने 107 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। यह रणजी ट्रॉफी में उनका लगातार पांचवां 50 से अधिक का स्कोर था, जिसमें दो शतक शामिल हैं। देसाई ने उनका पूरा साथ निभाया और दोनों दिन के अंत तक टिके रहे।
भाषा
नमिता सुधीर
सुधीर
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