बेंगलुरु, 20 फरवरी (भाषा) कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने बृहस्पतिवार को एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में अदालत को 11,000 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
यह घटनाक्रम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लोकायुक्त पुलिस द्वारा दी गई क्लीन चिट के आधिकारिक रूप से सार्वजनिक होने के एक दिन बाद हुआ।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि लोकायुक्त पुलिस ने विशेष अदालत को 11,000 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट सौंपी है, जो विशेष रूप से बेंगलुरु में पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटती है।
सिद्धरमैया पर मैसूरू शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंड आवंटित करने में अनियमितताओं के आरोप हैं।
सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, साले बी एम मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य को मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में नामजद किया गया था। विशेष अदालत ने इस आशय का आदेश दिया था।
देवराजू से स्वामी ने एक जमीन खरीदी थी और इसे पार्वती को उपहार में दिया था।
आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर की गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बुधवार को स्नेहमयी कृष्णा को भेजे गए नोटिस में लोकायुक्त पुलिस ने कहा था कि उन्होंने जांच की और सबूतों के अभाव में पहले चार आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं और वे अदालत को अंतिम रिपोर्ट सौंप रहे हैं।
उसने कहा, ‘‘यदि शिकायकर्ता को कोई आपत्ति है तो वह इसे नोटिस की तारीख से एक सप्ताह के भीतर विशेष अदालत के मजिस्ट्रेट के समक्ष चुनौती दे सकते हैं।’’
भाषा वैभव माधव
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